ब्यूरो,
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने ड्रग्स केस में अकाली दल के विधायक बिक्रम सिंह मजीठिया को अग्रिम जमानत दे दी है। इसके साथ ही अकाली दल के नेता को अदालत ने जांच में सहयोग करने का आदेश दिया है। जस्टिस लिजा गिल ने कहा कि बिक्रम सिंह मजीठिया को ड्रग्स केस की जांच से जुड़ना होगा। विधायक एवं पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया कई दिनों से गिरफ्तारी से बचते रहे हैं। उनके खिलाफ नारकोटिक्स केस में मामला दर्ज किया गया था। 20 दिसंबर को मामला दर्ज होने के बाद से ही वह लापता चल रहे थे और पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने में नाकाम रही थी।
इस बीच मोहाली अदालत ने उनकी अग्रिम बेल की मांग को खारिज कर दिया था। इसके बाद मजीठिया ने हाई कोर्ट का रुख किया गया था। वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और आरएस चीमा ने मजीठिया का केस लड़ा था। मजीठिया के वकीलों ने सवाल उठाया कि आखिर इस मामले में अब तक एफआईआर क्यों नहीं की थी और इसमें इतनी देरी क्यों की गई है। वकीलों ने सवाल उठाया कि राजनीतिक कारणों से अब केस दर्ज किया गया है। मजीठिया के वकीलों ने कहा कि उनका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं रहा है। वह मुख्यधारा के नेता रहे हैं और जांच से जुड़ने के लिए तैयार थे।
गौरतलब है कि पंजाब की सियासत में बिक्रम सिंह मजीठिया हमेशा से एक विवादित चेहरा रहे हैं। उन पर ड्रग्स के धंधे में लिप्त होने के आरोप विपक्षी दलों की ओर से लगते रहे हैं। कांग्रेस सरकार ने हाल ही में उनके खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया था। हालांकि इसे लेकर यह सवाल उठे थे कि आखिर 4.5 साल तक सरकार कोई कदम क्यों नहीं उठाया और अब चुनाव से ऐन पहले केस क्यों फाइल हुआ है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी इसे लेकर सवाल खड़ा किया था। बिक्रम सिंह मजीठिया अकाली दल की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।