ब्यूरो,
पंजाब में विधानसभा चुनाव का ऐलान कभी भी हो सकता है, लेकिन कांग्रेस में टकराव अब भी थमता नहीं दिख रहा है। सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू अकसर अलग-अलग रैलियों में नजर आते हैं। यही नहीं दोनों की ओर से अलग-अलग उम्मीदवारों का समर्थन भी सार्वजनिक तौर पर किया जा रहा है। इसके चलते टिकट बंटवारे को लेकर टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। अब भी 27 सीटें ऐसी हैं, जिस पर कांग्रेस कोई फैसला नहीं ले पाई है। इन सीटों पर मौजूदा विधायकों की सर्वे रिपोर्ट गलत मिली है। इसके अलावा उम्मीदवारी के लिए कई दावेदार होने के चलते लीडरशिप असमंजस की स्थिति में है। इन दावेदारों को लेकर खेमेबंदी की स्थिति पैदा हो गई है।
कुछ नेताओं का सिद्धू समर्थन कर रहे हैं तो चन्नी उनसे अलग दावेदारों को आगे बढ़ाते दिख रहे हैं। राज्य की कुल 117 सीटों में से 90 पर उम्मीदवारों को लेकर सहमति की स्थिति है, लेकिन 27 सीटों पर फैसला नहीं हो सका है। गुरुवार को इस बारे में मीटिंग थी, जिसमें स्क्रीनिंग पैनल ने ज्यादातर मंत्रियों और विधायकों की दावेदारी पर मुहर लगा दी है। इस बीच मोगा में राहुल गांधी की रैली को ही स्थगित करना पड़ा है। ऐसे में स्क्रीनिंग कमेटी की अगली मीटिंग 2 जनवरी को रखी गई है। उम्मीदवारों के अलावा सीएम चन्नी और सिद्धू के बीच मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर भी अप्रत्यक्ष जंग छिड़ी दिख रही है।
सीएम फेस घोषित करने की मांग करते हुए सिद्धू कह चुके हैं कि बिन दूल्हा कैसी बारात। हालांकि इस पर राजी नहीं दिखता है। प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने चुनाव से पहले सीएम फेस घोषित करने से साफ इनकार किया है। एक तरफ सिद्धू सीएम फेस घोषित करने की मांग कर रहे हैं तो वहीं रैलियों में सीएम चन्नी खुद को एक और मौका देने की मांग कर रहे हैं। बटाला, बांगा, फगवाड़ा, सूनम, सनौर, मानसा, गुर हरसहाय समेत कई सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर पार्टी नेताओं के बीच मतभेद दिख रहे हैं। इसके अलावा फिरोजपुर ग्रामीण, बठिंडा ग्रामीण, करतारपुर, फिल्लौर, सुजानपुर जैसी सीटों पर भी टकराव की स्थिति है।