ब्यूरो,
गर्भवती समय से कराएं प्रसव पूर्व जांच
स्वस्थ व संतुलित खान-पान, आयरन की गोली खाने की दी सलाह
वाराणसी, 09 नवंबर 2021 – गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपने स्वास्थ्य को लेकर बहुत सजग रहने की आवश्यकता है। इस दौरान उन्हें संतुलित और स्वस्थ आहार का सेवन करना चाहिए जिससे गर्भस्थ शिशु को भी बेहतर आहार मिलता रहे । इसके साथ ही गर्भवती को प्रसव पूर्व सभी जाँचे (कम से कम चार) आवश्यक रूप से कराना चाहिए जिससे उन्हें उपयुक्त चिकित्सीय परामर्श मिलता रहे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राहुल सिंह ने बताया कि मंगलवार को जनपद के जिला महिला चिकित्सालय कबीरचौरा, लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय रामनगर सहित ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के सभी दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस दौरान स्वास्थ्य केन्द्रों पर आईं गर्भवती की महिला चिकित्सकों द्वारा प्रसव पूर्व सभी जाँचें, यूरिन जांच, ब्लड प्रेशर, मधुमेह, सिफ़लिस, हीमोग्लोबिन जांच आदि की निःशुल्क सुविधा दी गई एवं परिवार नियोजन-खुशहाल परिवार के लिए परामर्श भी दिया गया ।
एसीएमओ व नोडल अधिकारी डॉ राजेश प्रसाद ने कहा कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने, गर्भवती की बेहतर स्वास्थ्य देखभाल, प्रसव पूर्व जांच एवं उन्हें समय पर उचित इलाज मुहैया कराने के लिए पीएमएसएमए दिवस प्रत्येक माह की नौ तारीख को मनाया जाता है । इस दिवस जांच के बाद उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) वाली महिलाओं को चिन्हित किया गया और उच्च स्तरीय इकाई पर संदर्भित किया गया एवं निःशुल्क दवा, आवश्यक चिकित्सीय व पोषण परामर्श भी दिया गया । इसके साथ ही परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत खुशहाल परिवार के उद्देश्य से महिलाओं को स्थायी और अस्थायी साधनों को लेकर जानकारी भी दी गयी ।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबन्धक संतोष कुमार सिंह ने बताया कि इस दिन मुख्य रूप से एचआरपी के लिए चिन्हित की सभी महिलाओं को विशेष चिकित्सीय परामर्श प्रदान किया गया और उन्हें स्वस्थ एवं संतुलित खान-पान, आयरन की गोली खाने के लिए सलाह भी दी गई । इसके साथ ही दिवस में आयी सभी गर्भवती के लिए सूक्ष्म जलपान की व्यवस्था की गयी।
स्त्री रोग विशेषज्ञ व दुर्गाकुंड सीएचसी की चिकित्सा अधीक्षक डॉ सारिका राय ने बताया कि दिवस के दौरान यदि किसी गर्भवती में कोई गंभीर लक्षण जैसे तेज बुखार, तेज सिरदर्द, धुंधला दिखना, त्वचा का पीलापन होना, दौरे पड़ना, उच्च रक्तचाप, योनि से रक्तस्राव, हाथ पैरों या चेहरे पर सूजन, भ्रूण का कम हिलना या निकलना आदि दिखते हैं तो उनके मातृ एवं शिशु संरक्षण (एमसीपी) कार्ड पर लाल मोहर लगा दी जाती है ताकि स्वास्थ्य इकाइयों पर प्राथमिकता के आधार चिकित्सीय सुविधा दी जा सके और सुरक्षित प्रसव कराया जा सके ।
मातृत्व स्वास्थ्य परामर्शदाता पूनम गुप्ता ने बताया कि मंगलवार को अराजीलाइन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर 68 महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) जांच की गई जिसमें 9 महिलाएं एचआरपी के लिए चिन्हित की गईं। इसके साथ ही बड़ागांव पीएचसी पर 81 महिलाओं की जांच में 13 एचआरपी, चिरईगांव पीएचसी पर 49 महिलाओं की एएनसी जांच में 5 एचआरपी, चोलापुर सीएचसी पर 109 महिलाओं की एएनसी जांच में 12 एचआरपी, हरहुआ पीएचसी पर 196 महिलाओं की एएनसी जांच में 7 एचआरपी, काशी विद्यापीठ पीएचसी पर 102 महिलाओं की एएनसी जांच में 12 एचआरपी, पिंडरा पीएचसी पर 70 महिलाओं की एएनसी जांच में 7 एचआरपी, सेवापुरी पर 76 महिलाओं की एएनसी जांच में 8 एचआरपी, एलबीएस चिकित्सालय रामनगर में 65 महिलाओं की एएनसी जांच में 10 एचआरपी और जिला महिला चिकित्सालय में 331 महिलाओं की एएनसी जांच में 60 महिलाओं को एचआरपी के लिए चिन्हित किया गया ।