ब्यूरो,
बनेगा “बाल संरक्षण” व “बाल कल्याण कोष”
• देखरेख तथा संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों को मिलेगा इसका लाभ
• जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक में निर्णय
वाराणसी जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक मंगलवार को जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा की अध्यक्षता में विकास भवन के सभागार में हुई । बैठक में “बाल संरक्षण” व “बाल कल्याण” कोष के गठन का निर्णय लिया गया ।
इस कोष के जरिये बाल संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों को तत्काल मदद उपलब्ध करायी जाएगी। इस कोष में कोई भी व्यक्ति सहायता राशि जमा कर सकता है, जो भी धनराशि कोष में जमा रहेगी उसको बाल श्रम / बाल भिक्षावृत्ती / बाल विवाह / बाल यौन शौषण /बाल तस्करी / गंभीर बीमारी से प्रभावित उन बच्चों के मदद के लिए उपयोग किया जाएगा जिन्हें सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की पात्रता में न होने से मदद नहीं दी जा सकती है। साथ ही जिलाधिकारी स्वयं भी आवश्यकता अनुसार किसी जरूरतमंद बच्चे की मदद के लिए उक्त धनराशि का उपयोग कर सकते है । इस कोष का संचालन जिलाधिकारी तथा जिला बाल संरक्षण अधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। इसका दस्तावेजीकरण जिला बाल संरक्षण इकाई करेगा।
बैठक में बाल संरक्षण से जुड़े मुद्दों की समीक्षा की गई। जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रवीण त्रिपाठी ने बाल संरक्षण योजना के उद्देश्य तथा किए गए कार्यों से समिति को अवगत कराया। बैठक में उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड 19) के कारण माता पिता, अभिभावक खो चुके बच्चो के प्रकरण में ब्लॉक तथा तहसील स्तर से कुल 248 आवेदनपत्र जांचोपरांत प्राप्त हो चुके है, जिसमे जिला स्तरीय टास्क फोर्स से 248 आवेदन पत्र स्वीकृत हो चुके है। इसमें 202 बच्चों के खाते में तीन माह की धनराशि प्रति बालक/ बालिका 12000 प्रेषित की जा चुकी है। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना( सामान्य) जिसमे मार्च 2020 के बाद अगर किसी बच्चे के माता-पिता दोनों, अथवा माता-पिता में किसी एक की मृत्यु अगर किसी भी कारण से हुई है तथा जो जीवित है उसकी आय 3 लाख से कम है, उसको 2500 रूपये प्रतिमाह दिए जाने का प्रावधान है। इसके तहत 68 बच्चों के आवेदनपत्र डीटीएफ से स्वीकृत हो चुके है।
बैठक में भिक्षावृत्ति तथा बाल श्रमिकों को रेस्क्यू किए जाने के लिए उप श्रमायुक्त को निर्देशित किया गया कि श्रम विभाग के सभी अधिकारियों को प्रत्येक चौराहे की जिम्मेदारी दी जाए । साथ ही सम्बन्धित थाने की पुलिस इस कार्य में सहयोग करेगी। इसी के साथ ईटभठ्ठा, इंडस्ट्रियल एरिया आदि का निरीक्षण कर बाल श्रम में लिप्त बच्चों को मुक्त कराते हुए बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करें। देव दीपावली से पूर्व जनपद को बालश्रम तथा बालभिक्षा वृत्ति से मुक्त कराने हेतु निर्देशित किया गया ।स्पॉन्सरशिप योजना में विकासखंडवार लंबित आवेदन पत्रों की समीक्षा की गई । जिसमे काशी विद्यापीठ 77, अराजी लाइन 87, पिंडरा 6,चोलापुर में 14 आवेदन पत्र विकास खंड स्तर पर लंबित होने के बारे में समिति को अवगत कराया गया। इस हेतु मुख्य विकास अधिकारी ने सभी खंड विकास अधिकारी को पत्र प्रेषित कर तत्काल कार्यवाही हेतु निर्देशित किया। बाल संरक्षण अधिकारी द्वारा समिति को अवगत कराया गया की पी एम केयर फंड हेतु पात्र 8 बच्चे जनपद में पाए गए है जिनके माता तथा पिता दोनों की मृत्यु हो गई है। बैठक में निर्देश दिया गया कि शिक्षा विभाग, बाल विकास पुष्टाहार विभाग ,श्रम विभाग तथा पुलिस विभाग सभी लोग अपने स्तर पर बच्चो की सुरक्षा व संरक्षण के दृष्टिगत अपने कार्यक्षेत्र में सुनिश्चित करे कि कोई भी बच्चा बालश्रम में न हो। अगर ऐसा पाया जाता है तो तत्काल जनपद स्तर पर सूचना देते हुए कार्रवाई करवाए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, नोडल अधिकारी विशेष किशोर पुलिस इकाई ग्रामीण तथा कमिश्नरेट, सहायक श्रमायुक्त, शिक्षा विभाग, बाल विकास एवम पुष्टाहार विभाग, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड , पुलिस विभाग, जिला विद्यालय निरीक्षक,पंचायत विभाग के अधिकारी,बाल संरक्षण अधिकारी, के साथ ही राजकुमार पालीवाल (यूनिसेफ समर्थित कार्यक्रम) तथा जिला बाल संरक्षण इकाई के समस्त स्टाफ उपस्थित थे ।