ब्यूरो,
भवानीपुर उपचुनाव को जीतकर अपनी कुर्सी को सुरक्षित करने वालीं ममता बनर्जी और उनकी पार्टी अब खुलकर कांग्रेस पर हमला बोल रही है। ममता बनर्जी ने एक ऐसा लेख लिखा है, जिससे यह लग रहा है कि टीएमसी अब भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता की मुख्य सूत्रधार बनना चाहती है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ने में बुरी तरह विफल रही है, इसलिए भारत के लोगों ने तृणमूल कांग्रेस को ‘फासीवादी’ भगवा पार्टी को हटाकर एक नया भारत बनाने की जिम्मेदारी दे दी है। पार्टी के मुखपत्र “जागो बांग्ला” के दुर्गा पूजा संस्करण के एक लेख में ममता बनर्जी ने कहा कि इस साल की शुरुआत में राज्य में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ शानदार जीत के बाद टीएमसी ने देश भर के लोगों का विश्वास अर्जित किया है।
लेख में ममता बनर्जी ने लिखा कि भाजपा विधानसभा चुनावों में अपनी हार को पचा पाने में विफल रही है और प्रतिशोध की राजनीति कर रही है। अभी टीएमसी के सामने एक नई चुनौती है- दिल्ली की पुकार। इस देश के लोग जनविरोधी नीतियों से राहत चाहते हैं और राजनीति और फासीवादी ताकतों की हार। विधानसभा चुनावों में भाजपा को हराने के बाद ममता बनर्जी ने जुलाई में दिल्ली का दौरा किया और 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा विरोधी दलों के गठबंधन को एक साथ लाने के तरीकों का पता लगाने के लिए विपक्षी नेताओं के साथ बातचीत की थी।
ममता बनर्जी ने कहा कि देश के लोग अब टीएमसी को लेकर एक नए भारत का सपना देख रहे हैं। बंगाल की सीमाओं को पार करते हुए टीएमसी को विभिन्न राज्यों से फोन आ रहे हैं। वे चाहते हैं कि बंगाल एक नए भारत के लिए लड़ाई का नेतृत्व करे। इसलिए हम कह रहे हैं कि हमें लोगों की पुकार का जवाब देना है। हमें लोगों की इच्छाओं को पूरा करना है और सभी भाजपा विरोधी ताकतों को एक मंच पर लाना है।
ममता बनर्जी की टीएमसी ने कांग्रेस को एक बड़ा झटका दिया है और सीनियर कांग्रेस नेता और गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लुइज़िन्हो फलेरियो हाल ही में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए। टीएमसी त्रिपुरा में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने पर भी नजर गड़ाए हुए है। गोवा और त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव 2022 और 2023 में होने हैं।
टीएमसी प्रमुख ने कहा कि हमने कभी भी कांग्रेस के बगैर भाजपा विरोधी ताकतों यानी विपक्ष के बारे में नहीं सोचा। उन्होंने कहा, ‘ यह हकीकत है कि हाल के दिनों में कांग्रेस भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ने में विफल रही है। पिछले दो लोकसभा चुनावों में यह साबित हो गया है। अगर आप केंद्र में टक्कर नहीं दे सकते हैं, तो इससे जनता का विश्वास टूट जाता है। भाजपा को कुछ राज्यों में वोट मिले, मगर हम इस बार ऐसा नहीं होने दे सकते।’
ममता बनर्जी ने आगे कहा कि हम इस गठबंधन का नेतृत्व नहीं चाहते हैं। मगर कांग्रेस को वास्तविकता को समझना और स्वीकार करना होगा अन्यथा गठबंधन में अंतर होगा। इस बार अखिल भारतीय स्तर पर भाजपा विरोधी ताकत बनाने में कोई अंतर नहीं होना चाहिए, कोई कमी नहीं होनी चाहिए। हालांकि, यह संकेत देते हुए कि टीएमसी केंद्र में भाजपा सरकार को हटाने के लिए प्रेरणा शक्ति (ड्राइविंग फोर्स) बनने के लिए तैयार है, उन्होंने दावा किया कि टीएमसी के विकास मॉडल ने भगवा पार्टी की बाजीगरी को हरा दिया है।
ममता बनर्जी ने कहा कि देश के लोगों को इस (टीएमसी) मॉडल में विश्वास है। हमें सबसे व्यावहारिक मॉडल पेश करना है जो भारत के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा कर सकता है। टीएमसी लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में एक कदम पीछे नहीं हटेगी। यह उल्लेख करते हुए कि कैसे उनकी पार्टी कभी कांग्रेस को पछाड़कर पश्चिम बंगाल में माकपा शासन के खिलाफ मुख्य विपक्षी चेहरा बनकर उभरी थी, ममता बनर्जी ने लेख में कहा कि हाल के दिनों में टीएमसी “भाजपा के खिलाफ असली विपक्ष” बन गई है। कांग्रेस और टीएमसी के बीच संबंध हाल ही में उस समय तनावपूर्ण हो गया था, जब उसके मुखपत्र में दावा किया गया था कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी विफल रहे हैं और पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष के चेहरे के रूप में उभरी हैं।