ब्यूरो नेटवर्क
साऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद के इस सप्ताह के अंत में भारत दौरे पर आने की उम्मीद है। यहां अफगानिस्तान में जारी संकट पर चर्चा संभव है। मध्य पूर्व में भारत के करीबी सहयोगी, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात अफगानिस्तान के सुरक्षा प्रभावों और तालिबान शासन के साथ वैश्विक जिहादी नेटवर्क के संबंधों को लेकर चिंतित हैं।
दोनों देश कतर, तुर्की और पाकिस्तान द्वारा सुन्नी इस्लामी शासन को शामिल करने में सक्रिय भूमिका से भी परेशान हैं। हालांकि, इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 सितंबर को टेलीफोन पर क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा की थी और साथ ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 30 अगस्त को संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति के राजनयिक सलाहकार डॉ अनवर गर्गश से काबुल संकट पर चर्चा की थी।
इसी संदर्भ में सऊदी विदेश मंत्री का 19 सितंबर को भारत आने का कार्यक्रम है। प्रिंस फैसल के विदेश मंत्री जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ बैठक करने और प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करने की उम्मीद है। जयशंकर अगले दिन UNGA और QUAD शिखर सम्मेलन के लिए न्यूयॉर्क रवाना होंगे। बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए यह बिल्कुल स्पष्ट है कि वर्तमान तालिबान शासन को पाकिस्तानी आईएसआई का पूर्ण सैन्य और राजनीतिक समर्थन प्राप्त है, जिसके प्रमुख काबुल में सरकार बनाने में किंगमेकर की भूमिका निभाते हैं।