ब्यूरो नेटवर्क
मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने विक्रम विश्वविद्यालय के 130 नवीन पाठ्यक्रमों का शुभारम्भ करते हुए कहा कि श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली उज्जयिनी (उज्जैन) में आकर मन गौरव का अनुभव कर रहा है।
पटेल ने आज यहां विक्रम कीर्ति मन्दिर में विक्रम विश्वविद्यालय के 130 नवीन पाठ्यक्रमों का शुभारम्भ किया। इस समारोह में उन्होंने सभी लोगों को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षास्थली उज्जयिनी रही है। उज्जयिनी की पावन एवं पवित्र नगरी में आने से मेरा मन गर्व का अनुभव कर रहा है। उज्जयिनी नगरी प्राचीनकाल से ही पवित्र नगरी रही है। यहां के लोगों का सौभाग्य है कि स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने यहां गुरू सान्दीपनि के आश्रम में रहकर शिक्षा ग्रहण की। उस समय राज परिवार एवं सामान्य बालक सब एक साथ गुरूकुल में शिक्षा ग्रहण करते थे। भगवान श्रीकृष्ण एवं सुदामा ने साथ ही गुरू सान्दीपनि के आचार्यत्व में शिक्षा ग्रहण की। भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्ध में अर्जुन को कर्त्तव्य पालन की सीख दी। पटेल ने कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय में पढ़कर अनेक विद्यार्थी निकले हैं, जिन्होंने जीवन में महत्वपूर्ण पद प्राप्त किए हैं।
पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय में एकसाथ 130 से अधिक नवीन पाठ्यक्रम शुरू होने जा रहे हैं। इसे मिलाकर कुल 180 पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। नवीन पाठ्यक्रम युवाओं को भविष्य में नवीन ऊंचाईयों पर लेकर जाएंगे। नवीन पाठ्यक्रम उन्हें एक ही विषय में बंधे रहने से मुक्त करायेगा। उन्हें आगे बढ़ने में मदद करेगा एवं युवाओं को आत्मनिर्भर बनाएगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को संस्कृत भाषा को आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी का साथ एवं सभी का विकास ये सब मिलकर एक संयुक्त प्रयास बनाते हैं। हम सब प्रयास करें कि भारत पुन: विश्वगुरू कहलाए।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण जब उज्जयिनी के गुरूकुल में शिक्षा ग्रहण करने आये थे, उस समय का जो दृश्य रहा होगा वहीं आज भी महसूस हो रहा है। आज हमारे बीच राज्यपाल पटेल का आगमन हुआ है। यादव ने कहा कि सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय उज्जैन का विक्रम विश्वविद्यालय है।