ब्यूरो नेटवर्क
कोरोना के कहर से जूझ रही दुनिया में वेस्ट नील वायरस (डब्ल्यूएनवी) चिंता का नया सबब बनकर उभरा है। रूस की स्वास्थ्य नियामक एजेंसी ‘रोसपोत्रेब्नाजोर’ ने सोमवार को सर्दियों में डब्ल्यूएनवी के तेजी से फैलने की आशंका जताई है।
‘रोसपोत्रेब्नाजोर’ के मुताबिक सर्द और नम वातावरण डब्ल्यूएनवी के प्रसार के लिए जिम्मेदार ‘क्यूलेक्स’ मच्छरों के प्रजनन के लिए मुफीद माना जाता है। चूंकि, इस बार सर्दियों के लंबे खिंचने और आर्द्रता ज्यादा रहने का अनुमान है, इसलिए मच्छरों की आबादी बढ़ने से डब्ल्यूएनवी के मामलों में उछाल आने का अंदेशा जताया जा रहा है।
क्या है डब्ल्यूएनवी
वेस्ट नील वायरस यानी डब्ल्यूएनवी पक्षियों में पनपने वाला एक जानलेवा संक्रमण है। यह ‘क्यूलेक्स’ नस्ल के संक्रमित मच्छरों के काटने से इंसानों में फैलता है। डब्ल्यूएनवी के चलते मरीज को तंत्रिका तंत्र संबंधी घातक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
हल्के में लेना घातक
डब्ल्यूएनवी से संक्रमित ज्यादातर मरीज एसिम्प्टोमैटिक (बिना लक्षण वाले) होते हैं। हालांकि, कुछ संक्रमितों को बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ने और लसिका ग्रंथि में सूजन की शिकायत सता सकती है। ज्यादातर मामलों में ये लक्षण खुद चले जाते हैं।