ब्यूरो नेटवर्क
लखनऊ के लखपति किसान ले रहे सरकारी राशन का लाभ, आधार नंबर से हुआ खुलासा
लखनऊ में एक बड़े घपले का खुलासा हुआ है। यहां लखपति किसान कागजों में हेराफेरी कर सरकारी राशन का लाभ ले रहे हैं। एनआईसी ने आधार नंबर के आधार पर इस पूरे मामले का खुलासा किया है। इस इस मामले के जांच के आदेश जारी हुए हैं। जिलाधिकारी को ऐसे किसानाें की सूची भेज दी गई है। जाे इन किसानों की पात्रता का सत्यापन करेंगे। अब ये अपात्र पाए गए तो इनका राशनकार्ड निरस्त होगा।
तीन साल से दस लाख रुपये से अधिक की बेच चुके फसल:
आधार नंबर के जरिए ऐसे किसानों की जांच में पता चला है कि ये किसान बीते साल तीन से दस लाख रुपये की फसल बेच चुके हैं और अब ये किसान राशन कार्डों के जरिए सस्ता राशन का लाभ ले रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि अब खेती से लाखों की कमाई करने वाले किसानों का सत्यापन कर अपात्रों के राशन कार्ड निरस्त किए जाएंगे।
जिलाधिकारियों को जांच के आदेश
बीते वर्ष सरकार को ही तीन लाख से अधिक का गेहूं-धान बेचने वाले प्रदेश के 63991 किसान सरकार के रडार पर हैं। अफसरों के मुताबिक एनआईसी के अनुसार 2020-21 में करीब 64 हजार किसानों ने तीन लाख से अधिक गेहूं-धान एमएसपी पर बेचा है। प्रथम दृष्टया ये सभी अपात्र हैं। खाद्य आयुक्त की ओर से जिलाधिकारियों को किसानों की सूची भेजी गई है। इनकी पात्रता का सत्यापन कर अपात्र पाए जाने का राशनकार्ड निरस्त करने के निर्देश दिए हैं। राजधानी लखनऊ के 130 किसानों ने बीते वित्तीय वर्ष में तीन लाख से अधिक कीमत का गेहूं-धान बेचा है। इनमें इंद्र बहादुर सिंह ने 9.71 लाख, लालबाबू ने 9.61 लाख की फसल सरकारी केंद्रों पर बेचा। लखनऊ के डीएसओ सुनील कुमार सिंह बताते हैं कि सर्वाधिक लखपति किसान मोहनलालगंज ब्लॉक के हैं। सत्यापन कराया जा रहा है। अपात्र मिलने पर राशनकार्ड रद्द किए जाएंगे।
जानिए क्या है नियम
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत ग्रामीण, शहरी क्षेत्र में पात्र राशनकार्ड धारक के चयन और निष्कासन के नियम तय हैं। ग्रामीण क्षेत्र में निष्कासन आधार (एक्सक्लूजन क्राइटेरिया) के तहत ऐसे परिवार जिनके पास पांच एकड़ से अधिक सिंचित जमीन या ऐसे परिवार जिनके सभी सदस्यों की आय दो लाख सालाना से अधिक है तो उन्हें सस्ता राशन का लाभ नहीं मिल सकता है।