आर्थिक तंगी से परेशान,डाक्टर और स्टाफ को नहीं मिला दो महीने से वेतन

दून में 12 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के 108 डाक्टर और स्टाफ का दो माह का वेतन अटका है। इससे उनको आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ये कोरोना योद्धा पाबंद कॉलोनियों, बफर जोन, स्क्रीनिंग में लगातार ड्यूटी कर रहे हैं। समर्पण संस्था की ओर से कारगी, माजरा, जाखन, सीमाद्वार, रीठा मंडी, गांधी ग्राम में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डाक्टर, फार्मासिस्ट, एनएमएम समेत कुल 54 लोगों का स्टाफ है। वहीं, एसपीडी संस्था की ओर से  खुडबुड़ा, बकरालवाला, अधोईवाला, चूना भट्टा, भगत सिंह कॉलोनी, दीपनगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इतना ही स्टाफ है।

प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर रविंद्र नेगी, एसपीडी के कोऑर्डिनेटर आशुतोष जुगरान कहते है कि पूरा स्टाफ जज्बे के साथ दिन रात एक कर डटा है। सर्विलांस, होम क्वारंटाइन एवं मेडिकल पोस्ट पर ड्यूटी की जिम्मेदारी इनके कंधों पर है। तमाम पाबंद कॉलोनियों में ड्यूटी कर रहे हैं। फरवरी तक एनएचयूएम के माध्यम से भुगतान हो गया है, लेकिन मार्च और अप्रैल का बकाया है। मार्च के सभी बिल दे दिए गए हैं, अप्रैल के दिए जा रहे हैं। वेतन न मिलने से दिक्कतें लाजिमी हैं, क्योंकि कोई किराये पर रहता है। किसी को राशन की दिक्कत हो सकती है।

सीएचओ राकेश बिष्ट का कहना है फरवरी तक का भुगतान संस्थाओं का हो गया है। मार्च के बिल मिल गये है, जिन्हें सत्यापित कर स्टेट को भेज दिये गये हैं। अप्रैल की रिपोर्ट और बिल अभी आने बाकी है, उन्हें भी सत्यापित कर भेजा जाएगा।

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