ब्यूरो नेटवर्क
एनआईए करेगी लखनऊ में गिरफ्तार अल कायदा से जुड़े संदिग्धों की जांच
लखनऊ से गिरफ्तार किए गए अल कायदा समर्थित पांच संदिग्ध आतंकियों के विरुद्ध दर्ज किए गए मुकदमे की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) करेगी। यूपी एटीएस के लखनऊ थाने में दर्ज यह मुकदमा एनआईए को स्थानान्तरित हो जाएगा। एनआईए शुरू से ही पूरे घटनाक्रम पर अपनी नजर बनाए हुए थी।
एटीएस ने दावा किया था कि गिरफ्तार किए गए पांचों अभियुक्त अल कायदा के मॉड्यूल अंसार गजवातुल हिन्द (एजीएच) से जुड़े हुए हैं और 15 अगस्त से पहले प्रदेश के प्रमुख शहरों में सीरियल ब्लॉस्ट की योजना बना रहे थे। सबसे पहले दो संदिग्ध आतंकियों मिनहाज अहमद और मसीरुद्दीन उर्फ मुशीर को गत 11 जुलाई को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था। एटीएस के अनुसार दोनों के कब्जे से आधुनिक असलहे और विस्फोटक सामग्री बरामद हुई थी। एक के घर से तैयार कुकर बम और दूसरे के घर से अर्द्धनिर्मित कुकर बम मिला था। एटीएस ने दोनों को कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ की तो उनके अन्य सहयोगियों के बारे में जानकारी मिली। इसके आधार पर बाद में लखनऊ से ही मोहम्मद मुस्तकीम, मोहम्मद मुईद और शकील को भी गिरफ्तार किया गया। एटीएस सभी पांच अभियुक्तों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर चुकी है। फिलहाल पांचों अभियुक्त जेल में हैं।
एटीएस के अनुसार उसे ऐसी खुफिया सूचना मिली थी कि आतंकी संगठन अल-कायदा के सदस्य उमर हलमंडी पाकिस्तान-अफगानिस्तान बार्डर के किसी इलाके से प्रदेश में आतंकवादी गतिविधियां संचालित कर रहा है। अपने मिशन के लिए उसने कुछ जेहादी प्रवृत्ति के व्यक्तियों को जोड़कर लखनऊ में अल-कायदा के माड्यूल को खड़ा किया है। गिरफ्तार अभियुक्तों ने हलमंडी के निर्देश पर 15 अगस्त से पहले आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की योजना बनाई थी। वे लखनऊ समेत प्रदेश के विभिन्न शहरों में महत्वपूर्ण स्थानों, स्मारकों या भीड़भाड़ वाले इलाकों में विस्फोट या मानव बम के रूप में हमला करने वाले थे। इसके लिए वे शस्त्र व विस्फोटक आदि एकत्र कर रहे थे।