ब्यूरो,
स्पाईवेयर पेगासस को लेकर भारत सहित कई देशों में हलचल जारी है। इस सबके बीच इजरायल के रक्षामंत्री बेनी गैंट्ज इस हफ्ते फ्रांस के दौरे पर जाने वाले हैं। इस दौरे पर वह इजरायली साइबर फर्म एनएसओ द्वारा बेचे गए स्पाइवेयर पर चर्चा करेंगे, जिसका इस्तेमाल कथित तौर पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को निशाना बनाने के लिए किया गया था।
फ्रांसीसी अखबार ले मोंडे के मुताबिक़ मैक्रों का फोन उस लिस्ट में था, जो संभवत: मोरक्को द्वारा निगरानी में थे। इसी को लेकर फ्रांस के नेताओं ने जांच की मांग की है। इजरायल ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि बेनी गैंट्ज 29 जुलाई को फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली से मुलाकात करेंगे। गैंट्ज लेबनान संकट के साथ ईरान समझौते पर चर्चा करेंगे। इसके साथ ही वह एनएसओ मामले को लेकर मंत्री को अपडेट करेंगे।
इजरायली रक्षा मंत्रालय पेगासस जैसे स्पाईवेयर और साइबर-सर्विलांस टेक्नोलॉजी के एक्सपोर्ट्स की देखरेख करता है। हाल ही में कई मीडिया समूहों ने मिलकर एक जांच रिपोर्ट में कहा है कि पेगासस का इस्तेमाल कर दुनियाभर के कई पत्रकारों, सरकारी अधिकारियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के स्मार्टफोन को हैक करने की सफल कोशिश की गई थी। इसके बाद से इजरायल ने स्पाइवेयर के किसी भी संभावित दुरुपयोग का आकलन करने के लिए एक टीम बनाई है।
एनएसओ ने मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज करते हुए कहा कि यह ‘गलत धारणाओं और अपुष्ट सिद्धांतों से भरा’ हुआ था। एनएसओ का कहना है कि पेगासस सिर्फ सरकारी खुफिया और लॉ इंफोर्समेंट एजेंसियों द्वारा आतंक और अपराध से लड़ने के लिए इस्तेमाल के लिए है। गैंट्ज़ की यात्रा की योजना पेगासस रिपोर्ट्स से पहले से तय थी और इसका मकसद लेबनान में बढ़ते आर्थिक संकट पर और ईरान के साथ परमाणु समझौते को फिर से शुरू करने को लेकर था। इजरायल इस सौदे को फिर से शुरू करने को लेकर चिंतित है।