कोरोना लॉकडाउन की वजह से लोगों की हालत खराब हो चुकी है। लॉकडाउउन में हैदराबाद में कारपेंटर को कंपनी ने तनख्वाह नहीं दी। किराया नहीं देने पर मकान मालिक ने कमरे से निकाला। वह पांच दिन तक धक्के खाते रहा। कोई ठिकाना नहीं मिला तो पैदल ही चल पड़ा। नौ दिन तक पैदल भागते-भागते जबलपुर तक पहुंचा। 1100 किलोमीटर के इस रास्ते में कहीं पुलिस दौड़ाती तो वह सड़क छोड़ पगडंडी पकड़ लेता। जबलपुर में एक ट्रक वाला डेढ़ हजार रुपये लेकर उसे प्रयागराज तक छोड़ने के लिए राजी हो गया। उसने प्रयागराज से पहले ही ट्रक से उतार दिया। यहां से वह पैदल ही बस स्टेशन पहुंचा। बस अड्डे से रोडवेज की बस ने गोरखपुर पहुंचाया। एक दिन बड़हलगंज के एक स्कूल में क्वारंटाइन रहा। इसके बाद उसे होम क्वारंटाइन में भेज दिया गया।
बड़हलगंज के टांडा निवासी चन्द्रमणि विश्वकर्मा का यह सफर रुलाने वाला है। सूनी सड़क पर वह पैदल भाग रहा है और पुलिस दौड़ा रही, ऐसे सपने उसका पीछा नहीं छोड़ रहे हैं। नींद में अचानक चीख पड़ता है। चन्द्रमणि ने बताया कि वह फर्म में ठेकेदार के माध्यम से कारपेंटर का काम करता था। बेंगलुरु से चार माह पहले ही हैदराबाद शिफ्ट हुआ था। वहां छह हजार रुपये में कमरा ले रखा था। 20 अप्रैल को मकान मालिक ने कमरा खाली करा दिया। कमरे की तलाश में दो रातें खुले में गुजारनी पड़ीं। साथी के कमरे पर पहुंचे तो वहां भी कमरा खाली करा लिया। तीनों 25 अप्रैल को पैदल ही घर के लिए निकल पड़े। उनकी मुसीबत यहां भी कम नहीं हुई। सुनसान सड़क पर पैदल जाते देख पुलिसकर्मी दौड़ा लेते तो वे सड़क छोड़ पगडंडी पकड़ लेते।
72 घंटे बाद प्रयागराज में मिला भोजन: तीन दिन भूखा रहने के बाद वह 6 मई को प्रयागराज पहुंचे। दोपहर में बस स्टेशन के पास कुछ समाजसेवी ऑटो से भोजन का वितरण कर रहे थे। उनके पास पहुंचा तो उन्हें पत्तल में उनको चावल और सब्जी खाने को दिया। लॉकडाउन में हरियाणा से अपने गांव सवायजपुर जिला हरदोई के लिए पैदल निकले युवक की आस घर पहुंचने से पहले ही टूट गई। थककर चूर युवक गांव दरियापुर के निकट सड़क किनारे बैठ गया और बेहोश हो गया। पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। परिजनों को इत्तिला दी गई। परिजनों ने शव लेने से इंकार कर दिया। महराजगंज आ रहे दो मजदूरों की हादसे में जान गई: हैदराबाद से महराजगंज घर जा रहे दो मजदूरों की सहजनवा में ट्रेलर के पलटने से मौत हो गई जबकि सात घायल हो गए। मजदूरों ने कानपुर के पास ट्रेलर से लिफ्ट ली थी। हादसे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख जताते हुए मृतकों के आश्रितों को दो-दो लाख रुपये व घायलों को 50 हजार रुपये सहायता देने का ऐलान किया है।