ब्यूरो,
कर्नाटक में एक बार फिर से राजनीतिक नाटक शुरू होने के प्रबल संकेत मिल रहे हैं। राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि बीजेपी हाईकमान की ओर से 25 जुलाई को फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेतृत्व की ओर से जो भी फैसला होगा, मैं उसे मानने के लिए तैयार हूं। बीएस येदियुरप्पा ने कहा, ‘राज्य में 26 जुलाई को हमारी सरकार के दो साल पूरे हो रहे हैं। इस मौके पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है। इसके बाद मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जो कहेंगे, मैं उसका पालन करूंगा। बीजेपी को सत्ता में वापस लाना मेरा कर्तव्य है। मैं सभी पार्टी कार्यकर्ताओं और अपने सहयोगी नेताओं से अपील करता हूं कि इस मिशन में मेरा साथ दें।’
बीएस येदियुरप्पा के इस बयान से उन अटकलों को बल मिला है, जिसमें यह कहा जा रहा था कि बीजेपी की सेंट्रल लीडरशिप राज्य में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर विचार कर रही है। बीते कई महीनों से कर्नाटक में विधायकों के एक खेमे और येदियुरप्पा के बीच मतभेद की खबरें मिल रही थीं। यहां तक कि कई नेताओं ने दिल्ली आकर भी सीएम येदियुरप्पा की शिकायत सेंट्रल लीडरशिप से की थी। तब से ही कई तरह के कयास लग रहे थे, लेकिन अब खुद येदियुरप्पा के बयान से साफ हो गया है कि कर्नाटक में बड़ा राजनीतिक फेरबदल होने जा रहा है। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि येदियुरप्पा से नेताओं के मतभेद के अलावा उनकी उम्र के चलते भी नई लीडरशिप खड़ी करने पर विचार चल रहा है।
बीजेपी की ओर से बीते दिनों 75 साल से अधिक आयु के नेताओं को सक्रिय राजनीति से हटाने का फॉर्मूला तैयार किया गया था। इसी के तहत कई नेताओं को 2019 के लोकसभा चुनवा में टिकट भी नहीं मिला था। लेकिन जब येदियुरप्पा को सीएम बनाया गया तो फिर इस पर सवाल उठा कि आखिर 75 प्लस के नेता को सीएम क्यों बनाया गया। ऐसे में माना जा रहा है कि आयु के फैक्टर की वजह से भी कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन पर केंद्रीय लीडरशिप विचार कर रही है।