ब्यूरो,
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बढ़ती आबादी को रोकने के मकसद से जनसंख्या नियंत्रण नीति जारी की। इस नई नीति का कानून बनना अभी बाकी है। हालांकि, इसके मुताबिक राज्य में जिस भी दंपति के दो से ज्यादा बच्चे हैं उन्हें सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिलेगा। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फड़णवीस ने भी इस बिल की तारीफ की थी। एनसीपी इस कानून की पहले ही आलोचना कर चुकी है लेकिन उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना ने कानून की आलोचना न करते हुए इसे लागू करने के संकेत दिए हैं और साथ ही यूपी-बिहार की आबादी को दूसरे राज्यों के लिए परेशानी बताया है। शिवसेना नेता संजय राऊत ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा है, ‘हम उत्तर प्रदेश के जनसंख्या नियंत्रण बिल का असर देखेंगे और इसके बाद ही राष्ट्रीय स्तर पर इसको लेकर चर्चा या वाद-विवाद करेंगे। यह बिल सिर्फ इसलिए नहीं लाया जाना चाहिए क्योंकि चुनाव सर पर हैं। यूपी और बिहार की बढ़ती आबादी दूसरे राज्यों को भी प्रभावित करती है।
‘इससे पहले एनसीपी ने उत्तर प्रदेश की जनसंख्या नीति की आलोचना की थी। एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा था कि योगी आदित्यनाथ जिस नीति को जोर-शोर से लागू कर रहे हैं वह दो बच्चों वाली नीति महाराष्ट्र में बीते 21 साल से लागू है। वर्ल्ड पॉपुलेशन डे के मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसंख्या नीति जारी की थी। इसके तहत दो या उससे कम बच्चे वाले दंपतियों को ही सरकारी सुविधाओं का लाभ मिलेगा। उत्तर प्रदेश के अलावा बीजेपी शासित असम में भी जनसंख्या नियंत्रण बिल को लाने को लेकर चर्चा जोरों पर है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा कई बार बढ़ती आबादी को चिंताजनक बता चुके हैं।