ब्यूरो,
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद को लेकर मचे घमासान के बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच विवाद की गहराई का अंदाजा हो गया। हुआ यूं कि कैप्टन से बातचीत के दौरान पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने सीएम से नवजोत सिद्धू से मिलने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने इससे साफ इन्कार कर दिया। दरअसल सिद्धू द्वारा सार्वजनिक रूप से की गई बयानबाजी से कैप्टन अमरिंदर बेहद आहत हैं। कैप्टन ने रावत से कहा कि सिद्धू अपने अपमानजनक बयानबाजी के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगें, उसके बाद ही वह उनसे मिलेंगे।
सिद्धू की बयानबाजी से आहत हैं कैप्टन अमरिंदर, सार्वजनिक तौर माफी मांगने तक न मिलने की बात कही
जानकारी के अनुसार, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरीश रावत से साफ तौर पर कहा कि वह नवजोत सिद्धू से उस समय तक नहीं मिलेंगे जब तक वह मेरे खिलाफ बोले गए अपमानजनक शब्दों के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी नहीं मांगते। दूसरी ओर, आज नवजोत सिद्धू सुनील जाखड़, लाल सिंह व अन्य मंत्रियों से मिलकर अपनी प्रधानगी को लेकर उनसे सहयोग मांग रहे थे। रावत ने मुख्यमंत्री से कहा कि आप भी सिद्धू से मिलकर बात को खत्म कर दें लेकिन सीएम माफी पर अड़ गए। यही नहीं, कैप्टन ने रावत से यह भी कहा कि इस सारे मामले को हाई कमान ने सही ढंग से नहीं निपटाया है।
दूसरी ओर, नवजोत सिंह सिद्धू की प्रधानगी को लेकर आज तीसरे दिन भी चंडीगढ़ में राजनीतिक माहौल गर्माया रहा। सिद्धू अचानक ही सुबह सवेरे पंचकूला में पार्टी प्रधान सुनील जाखड़ से मिलने उनके घर चले गए। जहां दोनों के बीच लगभग पौना घंटा बात हुई। सिद्धू ने उनसे सहयोग की मांग की और कहा कि जो भी मुद्दे होंगे वह मिलकर उठाएंगे। जाखड़ ने उन्हें विश्वास दिलाया कि वह पार्टी की मजबूती के लिए हर संभव सहयोग को तैयार हैं।
उसके बाद सिद्धू सेक्टर 39 में मंत्रियों और सीनियर नेताओं से मिलने पहुंचे जहां उन्होंने सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू, राजस्व मंत्री गुरप्रीत कांगड़ , मंडी बोर्ड के चेयरमैन लाल सिंह सहित कई नेताओं ,विधायकों आदि से मुलाकात की।सिद्धू को पार्टी हाई कमान ने अभी अधिकारिक तौर पर प्रदेश का प्रधान बनाने का पत्र जारी नहीं किया है, लेकिन शनिवार को उन्होंने जिस तरह से सुनील जाखड़ समेत तमाम मंत्रियों, पूर्व प्रधान और सीनियर नेताओं से मुलाकात की उससे यह तो साफ हो गया है कि उनके नाम पर किसी भी समय मुहर लग सकती है।
उधर, कांग्रेस के पंजाब मामलों के प्रभारी ने हरीश रावत भी नवजोत सिद्धू को प्रधान बनाने में बाधा बने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को मनाने की कोशिश की। इस बैठक के दौरान कैप्टन ने अपने कुछ मुद्दे रखे हैं जिनके बारे में रावत अब सोनिया गांधी से बात करेंगे। मुख्यमंत्री से मिलने के बाद रावत ने सिर्फ इतना ही कहा कि कैप्टन साहिब ने कहा है कि वह पार्टी प्रधान सोनिया गांधी के हर फैसले को मानेंगे।
हरीश रावत के साथ उद्योग मंत्री सुंदर श्याम अरोड़ा भी कैप्टन के फार्म हाउस पर गए। सुंदर श्याम अरोड़ा का इस मौके पर होना अहम माना जा रहा है क्योंकि मुख्यमंत्री ने कल ही सोनिया गांधी को इस बारे में लिखा था कि सिद्धू को प्रधान बनाने से हिंदू वर्ग नाराज हो सकता है। इसके अलावा सांसद मनीष तिवारी ने अलग से ट्वीट करके पंजाब में हिंदू, सिख और दलितों की आबादी का ब्यौरा डालकर इसे हवा दे दी।
सुनील जाखड़ से मिलने से पूर्व नवजोत सिद्धू ने शुक्रवार रात को कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व राज्य सभा सदस्य शमशेर सिंह दूलो और प्रताप सिंह बाजवा से भी मुलाकात की। इस मौके पर सिद्धू का बेटा भी उनके साथ था। माना जा रहा है कि पूर्व नेताओं से सिद्धू सोनिया गांधी के निर्देशों पर मिल रहे हैँ।