अफगान सेना और तालिबान के बीच हुई गोलीबारी के दौरान मौजूद भारतीय फोटो पत्रकार की मौत

काबुल (रायटर)। अफगानिस्‍तान के कंधार में मौजूद भारतीय फोटो पत्रकार की हत्‍या कर दी गई है। पत्रकार का नाम दानिश सिद्दकी बताया गया है। जानकारी के मुताबिक, वो अंतरराष्‍ट्रीय समाचार एजेंसी रायटर से जुड़े हुए थे। वो अफगानिस्‍तान की ताजा गतिविधियों पर कवरेज के लिए कुछ दिनों से वहां पर गए थे। दानिश पुलित्जर पुरस्कार विजेता थे। उनकी मौत पर अफगानिस्‍तान में मौजूद भारतीय राजदूत फरीद मामुंदजे ने गहरा दुख व्‍यक्‍त किया है। उन्‍होंने बताया कि दो सप्‍ताह पहले ही उनकी मुलाकात दानिश से हुई थी। फरीद ने उन्‍हें अपना करीबी दोस्त बताया है। 

दानिश की मौत अफगान सेना और तालिबान के बीच हुई गोलीबारी के दौरान हुई है। इस दौरान उन्‍हें गोली लग गई थी। टोलो न्‍यूज ने बताया है कि 40 वर्षीय दानिश इस संघर्ष के दौरान कंधार के स्पिन बोल्‍डक जिले में ही थे। अखबार की खबर के मुताबिक वो पिछले कुछ समय से कंधार में ही काम कर रहे थे। मुंबई के रहने वाले दानिश ने दिल्‍ली के जामिया मिलिया इस्‍लामिया यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में स्‍नातक की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद यही से ही उन्‍होंने मास कम्‍युनिकेशन का कोर्स भी किया था। उन्‍होंने अपना करियर एक टीवी पत्रकार के रूप में शुरू किया था। इसके बाद फिर उन्‍होंने फोटो पत्रकार के रूप में खुद को मजबूती के साथ इस फील्‍ड में खड़ा किया था।

दानिश की मौत ऐसे समय में हुई है जब ताशकंद में अफगानिस्‍तान के मुद्दे पर खास कांफ्रेंस चल रही थी। दो दिवसीय इस बैठक में भारत समेत पाकिस्‍तान के भी प्रतिनिधि मौजूद थे। भारत से इसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्‍तान की तरफ से इमरान खान ने इसमें शिरकत की थी। गौरतलब है कि अफगानिस्‍तान के हालात लगातार चुनौतीपूर्ण होते जा रहे हैं। ये न केवल यहां पर रहने वाले लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हैं, बल्कि यहां पर काम करने वालों के लिए काफी चुनौतियों से भरे हैं। कुछ माह में यहांं पर काम करने वालों को तालिबान से खतरा भी काफी बढ़ गया है। खतरे के मद्देनजर अफगानिस्‍तान में मौजूद भारतीय दूतावास से भी करीब 56 भारतीयों को वापस स्‍वदेश लाया जा चुका है।  आपको बता दें कि अफगानिस्‍तान में बीते कुछ समय से तालिबान और अफगानिस्‍तान की सेना के बीच संघर्ष काफी बढ़ गया है। जब से अमेरिका ने यहां से अपनी फौजों को समेटना शुरू किया है, तब से ही तालिबान ने यहां पर अपने पांव फैलाने शुरू कर दिए हैं। तालिबान के नेताओं के मुताबिक, वो यहां के 80 फीसद से अधिक इलाके पर कब्‍जा कर चुका है। अफगानिस्‍तान में तालिबान के बढ़ते कदमों की आहट से इसके पड़ोसी देश काफी चिंतित हैं।  

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