ब्यूरो,
पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वाह के कोहिस्तान जिले में बुधवार सुबह हुए बम विस्फोट में कई चीनी इंजीनियरों सहित कम से कम एक दर्जन लोग मारे गए हैं, जबकि 37 घायल हैं। इस विस्फोट से पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे चीनी सरकार की चिंता बढ़ गई है। चीनियों को सुरक्षा देने में नाकाम रही इमरान खान की सरकार को भी ड्रैगन की नाराजगी का डर सताने लगा है और यही वजह है कि पाकिस्तान सरकार हमले को दुर्घटना बताने में जुट गई है।
जियो न्यूज चैनल के अनुसार चीनी इंजीनियर और कर्मचारियों के साथ यह वाहन दसू हाइड्रो पावर प्लांट की ओर जा रही थी और इसी दौरान विस्फोट के बाद बस खाई में जा गिरी। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इसे दुर्घटना बताते हुए कहा है कि बुधवार को ऊपरी कोहिस्तान में बस हादसे का शिकार हो गई, जिसमें 9 चीनी और 3 पाकिस्तानी नागरिकों की मौत हुई है। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करके कहा है, ”मैकेनिकल दिक्कत की वजह से गैस लीकेज हुई और ब्लास्ट हो गया। आगे की जांच की जा रही है।”
शुरुआती रिपोर्ट्स में विरोधाभासी दावों के बीच प्रधानमंत्री इमरान खान के संसदीय मामलों के सलाहकार बाबर अवान ने नेशनल असेंबली के फ्लोर पर इसे ‘कायराना हमला’ बताया और कहा कि यह पाकिस्तान और इसके पड़ोसियों के बीच विशेष पहलों से ध्यान नहीं हटाएगा। हमले की निंदा करते हुए अवान ने कहा कि वह गृहमंत्री शेख राशिद अहमद से कहेंगे कि देश के सुरक्षा हालातों पर जानकारी दें और इस सदन को विश्वास में लें।
इस बीच चीन ने पाकिस्तान से कहा है कि घटना की विस्तृत जांच होनी चाहिए। हमले की निंदा करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने पाकिस्तान से अपील की है कि हमले के दोषियों को सख्त सजा दी जाए। साथ चीनी नागरिकों, संगठनों और प्रॉजेक्ट्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है।
चीन ने पिछले कुछ सालों में ‘चीन पाकिस्तान कॉरिडोर’ सहित कई प्रॉजेक्ट्स में अरबों डॉलर का निवेश किया है। हालांकि, इनकी सुरक्षा चीन के लिए हमेशा चिंता का सबब रही हैं। पाकिस्तान में मौजूद कई आतंकी संगठनों के अलावा तालिबान से भी इन प्रॉजेक्ट्स को खतरा बताया जाता रहा है। चीन ने पाकिस्तान को कई बार कहा है कि यदि वह निवेश कर रहा है तो इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी पाकिस्तान को लेनी होगी। ऐसे में चीनी कामगारों पर हुए हमले ने इमरान खान की सरकार की टेंशन बढ़ा दी है।