नैनीताल में खत्म होने वाला है 175 साल का इतिहास….

नैनीताल में खत्म होने वाला है 175 साल का इतिहास, 1846 में अंग्रेजी हुकूमत ने की थी शुरुआत, जानें मामला

नैनीताल में 175 सालों तक लाखों सवारियों को ढोने के बाद साइकिल रिक्शा अब इतिहास बन जाएगा। 1846 में हाथ रिक्शा के साथ शुरू हुई इसकी कहानी गुरुवार ई-रिक्शा की शुरुआत के साथ खत्म हो गई। इतने वर्षों में नैनीताल के रिक्शा ने अंग्रेजी हुकूमत से लेकर भारत की आजादी और न जाने कितने ऐतिहासिक दिन देखे। माल रोड पर दो आने किराये से शुरू हुई रिक्शे की सवारी 20 रुपये पर पहुंचने के बाद बंद होने जा रही है।

नैनीताल की खोज 1839 में ब्रिटिश नागरिक पी बैरन ने की। 1846 में यहां अंग्रेजों ने पर्यटन की शुरुआत की। पहाड़ी इलाका होने से यहां सामान ढोने के लिए कुली जबकि आवागमन के लिए घोड़े, डांडी की शुरुआत हुई। नैनीताल की लंबी माल रोड पर सवारियों को तल्लीताल से मल्लीताल तक ले जाने के लिए अंग्रेजी अफसरों ने रिक्शा शुरू किया। 

1858 में मालरोड में झंपानी की शुरुआत की। इसे हाथ रिक्शा, राम रथ, विलियम एंड बरेली टाइप भी कहा जाता था। इतिहासकार अजय रावत के मुताबिक इसके बाद नैनीताल में 1942 में साइकिल रिक्शा की शुरुआत हुई। स्थानीय प्रशासन द्वारा शान की सवारी समझी जाने वाले रिक्शे का किराया दो आना प्रति सवारी तय किया गया। 1966 में इसे चार आना किया गया, जो आज 20 रुपया प्रति रिक्शा पहुंच गया है। करीब 1970 के दशक तक भी नैनीताल में हाथ रिक्शा का चलन था। इसके बाद इसकी जगह धीरे धीरे साइकिल रिक्शा ने ली। 

शोभा यात्राएं तक रिक्शों पर निकलती रहीं

नैनीताल में लंबे समय तक रिक्शा का इस्तेमाल सब्जी और फल आदि ढोने के लिए किया जाता था। बाद में स्थानीय रामलीला में राम शोभायात्रा और दुर्गा पूजा में मां महिसासुर मर्दिनी की शोभा यात्रा भी हाथ रिक्शे पर ही निकाली जाती थी। डांडी का इस्तेमाल ग्रामीण विवाह समारोह में वधू को ले जाने तक सीमित हो गए। हाथ रिक्शा, डांडी के बाद आज से साइकिल रिक्शा भी इतिहास बन गए हैं।

नेहरू, दिलीप कुमार, अमिताभ तक कर चुके हैं सवारी

लगभग चार दशकों से रिक्शा यूनियन से जुड़े और वर्तमान में व्यवस्थापक की जिम्मेदारी निभा रहे नंदा बल्लभ जोशी ने बताया कि पुराने लोग बताते थे कि देश के पहले प्रधानमंत्री पं. नेहरू से लेकर फिल्म और राजनीतिक दुनिया के कई दिग्गज नैनीताल में रिक्शा की सवारी कर चुके हैं। 1992-93 में फिल्म अभिनेता कादर खान ने रिक्शे की सवारी की थी। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी मुख्यमंत्री रहते हुए नैनीताल आगमन पर मल्लीताल से तल्लीताल तक रिक्शे की सवारी की थी। प्रो. अजय रावत बताते हैं कि पंडित गोविंद बल्लभ पंत ने यहां घुड़सवारी की थी। बुजुर्ग उनके रिक्शे की सवारी के बारे में भी बताते थे।

ई-रिक्शे के हिमायती हाईकोर्ट तक पहुंचे

नगर की सामाजिक संस्था जनहित संगठन चार वर्षों से नगर में ई रिक्शा संचालन की आवाज बुलंद कर रही है। संस्था अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी ने इसे विभिन्न मंचों पर उठाया। पालिका और प्रशासन स्तर तक बात रखी। उन्होंने इसके लिए हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की। अध्यक्ष चौधरी समेत संगठन के जगमोहन बिष्ट, अशोक साह, महेश चंद्र, नजर अली ने इसे नगर वासियों की जीत बताया।

फिलहाल हैं 82 लाइसेंसधारी रिक्शा चालक

नगर में वर्तमान में रिक्शों के 82 लाइसेंस हैं। पालिका प्रति दो रिक्शों के सापेक्ष एक ई-रिक्शा की अनुमति दे रही है। ऐसे में करीब 41 ई-रिक्शों का संचालन होगा। हालांकि अंतिम निर्णय पालिका करेगी। पालिका में मौजूदा दस्तावेजों के अनुरूप 1952 में यहां 25 रिक्शों के लाइसेंस थे। 

1970-71 में राज्यपाल अकबर अली के आदेश पर 20, 1994 में अविभाजित यूपी के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के आदेश पर 10 रिक्शे, हाईकोर्ट के दिशानिर्देशों के क्रम में कमिश्नर के आदेश पर 10 लाइसेंस और दिए गए। कुछ बोर्ड के दौरान 10 अन्य रिक्शों समेत कुछ पालिका कर्मियों की मृत्यु आदि पर परिजनों को लाइसेंस जारी किए गए। मगर लगभग दो दशक पूर्व पड़ताल के बाद 82 लाइसेंस के इतर सभी रद्द कर दिए गए।  

नैनीताल में ई-रिक्शा का संचालन शुरू 

नैनीताल में ब्रिटिशकालीन सार्वजनिक परिवहन का सबसे सस्ता और सुलभ साधन पैडल रिक्शा इतिहास बनने जा रहे हैं। गुरुवार को शहर में ई-रिक्शा संचालन शुरू कर दिया है। पहले चरण में माल रोड पर पांच ई-रिक्शा शुरू किए गए, जिन्हें पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी और एसडीएम प्रतीक जैन ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। जल्द ही पैडल रिक्शा बंद कर उतनी ही संख्या में ई-रिक्शा संचालित किए जाएंगे।

पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी ने बताया कि नगरवासियों और पर्यटकों को जाम से निजात दिलाने के लिए शहर में ई-रिक्शा संचालन शुरू किया गया है। इससे पारंपरिक रिक्शा चलाने वाले लोगों को भी राहत मिलेगी। फिलहाल पांच रिक्शा शुरू किए जाएंगे। धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। इसका फिलहाल एक तरफ का किराया दस रुपये रखा गया है। गौरतलब है कि नैनीताल में कई सालों से ई-रिक्शा संचालन की कवायद चल रही थी। 

नगर पालिका ने गुरुवार को पांच ई-रिक्शा के जरिए इसका संचालन शुरू कराया। इस दौरान ईओ नगरपालिका अशोक वर्मा, सभासद गजाला कमाल, पुष्कर बोरा, रेखा आर्य, सागर आर्य, राजू टांक, भगवत बिष्ट, सपना बिष्ट, प्रेमा अधिकारी, निर्मला चन्द्रा, पुष्कर बोरा, राहुल पुजारा, सुरेश चंद्र, तारा राणा, संजय कुमार, मोहन चन्द्र पांडे, शिवराज नेगी, रिक्शा यूनियन अध्यक्ष खुशाल सिंह, सचिव नफीस अहमद, अनिल पांडे, गिरीश चन्द्र जोशी, सुभाष चन्द्र, भुवन चन्द्र आदि मौजूद रहे।

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