धर्मांतरण कराने के लिए ई-वॉलेट से आता था पैसा, जानिए कैसे चल रहा था पूरा खेल
धर्मांतरण कराने के लिए फंड जुटाने के लिए कई तरह के ई-वॉलेट और ऑनलाइन खातों तक का धड़ल्ले से प्रयोग हो रहा है। एटीएस को कुछ खातों के बारे में जानकारी मिली है, जिससे यह रकम एक से दूसरी संस्था और लोगों को भेजी गई। लगभग ऐसे एक दर्जन खातों की जांच के साथ ही उनके ट्रांजेक्शन की डिटेल निकलवाई जा रही है
दिल्ली में इस्लामिक दावा सेंटर के अध्यक्ष और धर्मांतरण कराने के आरोपित उमर गौतम को संस्था चलाने के लिए भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी फंडिंग मिलती थी, जो लोग उसे फंडिंग करते थे वह उसे बड़े सेमिनार या व्याख्यान देने को अपने देश या शहर में आमंत्रित करते थे। ये लोग पूरे देश में धर्मांतरण को बढ़ावा देने का काम करते थे। उमर को लोगों का माइंडवॉश करने के लिए बुलाते थे। वह इस्लाम में अपनी आस्था और धर्म के बारे में राय बताता था, जिससे लोग उससे प्रभावित हो जाते थे। धर्मांतरण के नाम पर ज्यादातर रकम लेने के लिए अंजान खातों का प्रयोग होता था। ये खाते दुकानदार, कारोबारी आदि लोगों के होते थे। साथ ही विदेशों से पैसा मंगाने के लिए पे-पल खातों का प्रयोग होता था, जो कई फोन नंबरों से ऑपरेट होते हैं। रकम आते कई खातों को बंद भी कर दिया जाता था, जबकि कई तो अभी चल रहे हैं।
क्या है पे-पल खाता
पे-पल एक वेबसाइट है, जिसका उपयोग ऑनलाइन पैसे भेजने तथा पाने को होता है। इसके माध्यम से दुनियां में कहीं भी पैसे भेज सकते हैं या पा सकते हैं। पे-पल दुनिया की सबसे प्रसिद्ध ऑनलाइन पेमेंट सर्विस कंपनी है। दुनिया में अधिकतर पैसों का लेन-देन पे-पल से ही होता है। दुनियां में लगभग 100 मिलियन से अधिक लोगों का पे-पल एकाउंट है।
एटीएस का सहयोग देने को बनी टीम
शासन के निर्देश पर एटीएस की मदद करने के लिए जिले में एक एसीपी के नेतृत्व में दो सदस्यीय टीम बनाई है। यह टीम धर्मांतरण करा चुके लोगों से बात करेगी और आरोपितों पर कार्रवाई करेगी। टीम ने इसके शिकार हुए लोगों से पूछताछ भी शुरू कर दी है। इसमें नए पुराने सभी मामलों को देखा जा रहा है। एटीएस की ओर से मिलने वाले टास्क को भी पूरा करने के साथ जबरन या प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराने की बात सामने आने पर रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।