कोरोना काल के विपरीत हालात के बावजूद प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मामले में यूपी टॉप टेन राज्यों में से हैं। राज्य ये 18 जिले एफडीआई के आकर्षण के केंद्र बन गए हैं जिनमें आगरा, अलीगढ़, प्रयागराज,अमरोहा, एटा, फर्रुखाबाद, झांसी, कानपुर, लखनऊ, मथुरा, मेरठ, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, वाराणसी, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर बागपत व चित्रकूट शामिल हैं।
लखनऊ. कोरोना काल जैसे विपरीत हालात के बावजूद उत्तर प्रदेश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ रहा है। केंद्र सरकार के उद्योग संवर्धन व आंतरिक व्यापार विभाग की नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में यूपी टॉप टेन राज्यों में है जबकि राजस्थान, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, केरल, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व छत्तीसगढ़ जैसे राज्य अभी उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में जब यूपी में वर्तमान में इंफ्रास्ट्रक्चर के बड़े प्रोजेक्ट पूरे हो जाएंगे तो यही प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यहां कई गुना बढ़ जाएगा।
यूपी टॉप 10 में इसलिए शामिल हो पाया है क्योंकि कोरोना के कहर के बावजूद विदेशी निवेशकों को यूपी लाने के लिए हेल्पडेस्क बनाई गईं। वहां के निवेशकों से दूतावासों के जरिए बात की गई। साथ ही सिंगल विंडो सिस्टम के जरिए उनके प्रस्तावों को जल्द अमल में कराया गया। इसलिए विदेशी निवेशक यूपी की और आकर्षित हुए। बता दें कि पिछले साल अक्तूबर से लेकर इस साल मार्च तक राज्य में विदेशी निवेशकों द्वारा 4861 करोड़ रुपये (665 मिलियन यूएस डालर) का निवेश किया गया है। यूपी के ये 18 जिले एफडीआई के आकर्षण के केंद्र बन गए हैं जिनमें आगरा, अलीगढ़, प्रयागराज,अमरोहा, एटा, फर्रुखाबाद, झांसी, कानपुर, लखनऊ, मथुरा, मेरठ, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, वाराणसी, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर बागपत व चित्रकूट शामिल हैं।जबकि, यूके, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, यूएई,अमेरिका की कंपनियां अपनी कई योजनाओं के साथ यूपी निवेश के लिए आ रही हैं। पिछले एक साल में यूपी में कई विदेशी कंपनियां यहां प्लांट लगा रही हैं। जिनमें जर्मनी की जूता निर्माण कंपनी है जिसने अपना प्लांट चीन से शिफ्ट कर आगरा में लगा दिया। ऐसे ही दक्षिण कोरिया की सैमसंग ने भी चीन से अपना प्लांट शिफ्ट कर ग्रेटर नोएडा में इस साल जनवरी में लगा लिया।