भदोही में बागी उम्मीदवार से मुकाबले में हार के डर से भाजपा ने अपना प्रत्याशी हटाया ।
भदोही
भदोही जिले में ज़िला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव काफी रोचक हो गया है । यहां विपक्ष के किसी प्रत्याशी के मैदान में न होने के बावजूद मुकाबला भाजपा और उस के बागी प्रत्याशी के बीच होता देख भाजपा ने अपने घोषित प्रत्याशी का नाम ही वापस ले लिया है । अब यहाँ विपक्ष के साथ साथ सत्तारूढ़ दल भाजपा का भी कोई अधिकृत प्रत्याशी मैदान में नही है ।
भाजपा ने जिस अमित सिंह “प्रिंस” को प्रत्याशी बनाया था उन का विरोध पूरी पार्टी कर रही थी । केवल भाजपा के जिलाध्यक्ष ही उन के पक्ष में थे । भदोही शहर से विधायक रविन्द्र त्रिपाठी ने अपने भतीजे अनिरुद्ध त्रिपाठी को ज़िला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ाया था । भाजपा ने उन्हें दल से निष्कासित कर दिया था मगर वो चुनाव जीत गए । विधायक के भतीजे अनिरुद्ध त्रिपाठी ने बागी उम्मीदवार के तौर ज़िला पंचायत अध्यक्ष पद पर ताल ठोक दी है । विधायक ने भी जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने के लिये एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है । भाजपा ने परिवारवाद का बढ़ावा न देने की वजह से विधायक के भाई को न तो टिकट दिया और न अब अध्यक्ष पद का ही प्रत्याशी बनाया । मगर औराई विधायक दीनानाथ भास्कर समेत पूरी पार्टी रविन्द्र त्रिपाठी के साथ खड़ी हो गयी । रविन्द्र त्रिपाठी ने पहले ही अपने भाई को जिताने की तिकड़म शुरू कर दी थी ।और चुनाव जीतने भर के सदस्यों का इंतज़ाम कर उन्हें गोपनीय स्थान पर भेज दिया था । भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी को नामांकन के बाद सदस्य ढूंढे नही मिल रहे थे । ऐसे में भाजपा अगर चुनाव लड़ती तो अपने बागी प्रत्याशी के सामने उसे हार का मुंह देखना पड़ता ।
इस मामले को ले कर दीना नाथ भास्कर प्रदेश नेतृत्व के दरबार में जा पहुंचे और उन्होंने शहर विधायक रविन्द्र त्रिपाठी के साथ मिल कर ऐसी राजनैतिक चाल चली की भाजपा को अपना प्रत्याशी ही मैदान से हटाना पड़ा । भदोही जिले में भाजपा में मची सर फुटव्वल को देखते हुए अब प्रदेश नेतृत्व ने तय ये किया है दोनों प्रत्याशी लड़ेंगे जो जीत के आएगा वो भाजपा ज्वाइन करेगा ।