धर्मांतरण मामला के बाद ताेड़ दी दोस्ती, पुरानी फोटो और वीडियो किए डिलीट

धर्मांतरण मामला: आदित्य से अब्दुल्ला बनने के बाद ताेड़ दी दोस्ती, पुरानी फोटो और वीडियो किए डिलीट

धर्म परिवर्तन कर कानपुर का आदित्य उर्फ अब्दुला अपनी पुरानी पहचान किसी के सामने नहीं लाना चाहता। यही कारण है उसने अपने दोस्तों से संबंध खत्म कर लिए। पुरानी फोटो और वीडियो डिलीट कर दिए और अपना पहनावा तक बदल लिया है। रविवार को घर लौटे आदित्य का सोमवार को अपनी मां से झगड़ा हो गया। उसने आने के साथ ही मां से कहा था कि उसकी कोई बात बाहर नहीं आनी चाहिए लेकिन मीडिया में बात आने के साथ ही उसका टेंशन बढ़ गया।

पिता राकेश गुप्ता ने बताया कि जब आदित्य लौटा तो उसने मां से कहा कि किसी को पहले की तरह खबर मत कर देना नहीं तो मैं फिर चला जाऊंगा। भाई श्यामजी ने बताया कि सोमवार शाम को एक टीवी चैनल में खबर चली जिसमें आदित्य की वीडियो वायरल हो गया था। यह उसने भी मोबाइल पर देख लिया। इसके बाद मां से विवाद हो गया। समझाने के बाद शांत हो गया था।

पुलिस को जानकारी देकर गलती की थी 
घर लौटने के बाद आदित्य ने मां से कहा कि उसके घर से जाने के बाद पुलिस को खबर नहीं करना चाहिए था। यह आप लोगों ने बहुत गलत किया है। लक्ष्मी ने बताया कि आदित्य ने अपने मामा से फेसबुक मैसेंजर पर बातचीत में कहा था कि सेव माई मदर, प्लीज केयर माई मदर। मामा ने उससे कहा था कि एक बार वह खुद बात कर लेगा तो मां अच्छी हो जाएगी। तब उसने लक्ष्मी को वीडियो कॉल किया था।

एक साल बाद बुलाया है
आदित्य ने परिजनों को यह भी बताया कि उसे अगले साल रोजा और ईद पर केरल बुलाया गया है। वह दोबारा वहां जाएगा। लक्ष्मी फिलहाल इसी प्रयास में हैं कि वह अपने बेटे को सही गलत में फर्क समझा सकें। लक्ष्मी ने बताया कि आदित्य से वीडियो कॉल के दौरान जब पूछती थी कि वह कहां है और क्या कर रहा है तो वह लाइन डिस्कनेक्ट कर देता था। उन्होंने सिर्फ एक बार उसे कोझीकोड स्टेशन और एक बार डिब्बों पर लेबलिंग करते हुए देखा था। 

पढ़ाई के सिलसिले में कई बार दिल्ली गया था
राकेश गुप्ता ने बताया कि आदित्य पढ़ाई के सिलसिले में कई बार दिल्ली, नोएडा आता जाता रहता था। वह नए कोर्स के बारे में जानकारी करता था। पिछले साल लॉकडाउन के दौरान उसके व्यवहार में चेंज आया। लॉकडाउन खुलने के बाद जब वह दिल्ली गया तो वहां पर धर्म परिवर्तन करा लिया। उससे पूछने का प्रयास किया लेकिन कुछ नहीं बताया। इस बीच कई बार उसको नमाज पढ़ते देखा। मस्जिद में भी जाने लगा। तब यकीन हो गया कि कुछ न कुछ गड़बड़ है। जब उसके कागजात आदि खंगाले तो धर्मांतरण संबंधी दस्तावेज मिले। इसके कुछ ही दिन बाद 10 मार्च को वह लापता हो गया। इसकी एफआईआर 12 मार्च को कल्याणपुर थाने में दर्ज कराई गई। 

खाड़ी देशों से खाते में आते थे रुपये
परिजनों ने बताया कि आदित्य के खाते में दो तीन बार सात हजार रुपये एक अनजान खाते से आए थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक यह पैसे खाड़ी देशों से आ रहे थे। हालांकि पुलिस अभी यह नहीं पता कर सकी है कि आदित्य के पास कौन यह रकम भेज रहा था। 

लापता होने के पहले से परिजनों को पता था 
एटीएस ने दावा किया है कि धर्म परिवर्तन कराने के बाद आदित्य को दक्षिण भारत भेज दिया गया था। उसने वीडियो कॉल पर परिजनों को धर्मांतरण के बारे में बताया था। हालांकि जब परिजनों से इस बारे में बातचीत की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। परिजनों का कहना है कि लापता होने से पहले ही उनको पता चल गया था कि आदित्य ने धर्म परिवर्तन कर लिया। विरोध करने के बावजूद वो घर पर नमाज पढ़ने लगा था। घर वाले समझाते तो उनका विरोध करता था।

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