हड़ताल, बंद, प्रदर्शन के दौरान हिंसक आंदोलन या दंगे में हुए नुकसान की अर्थवसूली के लिए योगी सरकार ने कड़े नियम बनाए हैं। इससे निजी व सार्वजनिक सम्पत्ति के नुकसान की भरपाई तो होगी ही साथ ही दोषियों के फोटोग्राफ वाले पोस्टर भी अब सार्वजनिक स्थल पर आसानी से लगाए जा सकेंगे। साथ ही ऐसा करने पर सरकार या उसके अधिकारियों पर कोई मुकदमा भी दर्ज नहीं किया जा सकेगा।योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी सम्पत्ति क्षति वसूली अध्यादेश के प्रावधानों को लागू कराने के लिए विस्तृत नियमावली भी बना दी है। इसके मुताबिक अगर किसी की निजी सम्पत्ति को नुकसान होता है तो उसका दायित्व होगा कि घटना से संबंधित फोटोग्राफ वीडियोग्राफ या सीसीटीवी फुटेज स्थानीय पुलिस को उपलब्ध करवाए साथ ही सभी सरकारी विभागों के विभागाध्यक्षों को खुद के दायरे में आने वाली सार्वजनिक सम्पत्ति की संरक्षा करनी होगी। इसके लिए उन्हें सीसटीवी फुटेज प्राप्त करने की प्रणाली पुन: स्थापित करने के लिए के लिए जरूरी कार्यवाही करनी होगी। अगर विपक्षी जुर्माने की धनराशि की वसूली से स्वयं को बचा रहा हो या छुपा रहा हो या अधिकरण के निर्णय की अवहेलना कर रहा हो तो अधिकरण को संबंधित क्षेत्र के सार्वजनिक स्थलों पर आरोपी की फोटो सहित पूरा ब्योरा रखेगा। इसके प्रकाशन का अधिकार संबंधित डीएम या पुलिस आयुक्त को होगा। डीएम पोस्टर लगाने में आए खर्च की वसूली भी आरोपी की सम्पति से करेगा।संबंधित पुलिस अधिकारियों को ऐसे हड़तालों बंद, की अधिकतम समय सीमा तक वीडियो ग्राफी करानी होगी। हर पुलिस थाने को स्थानीय वीडियो आपरेटरों का एक पैनल अनुरक्षित रखना होगा। जो अल्प सूचना पर उपलब्ध कराया जा सके।सरकार नुकसान की भरपाई कराने व कार्रवाई के लिए दावा अधिकरण बनाएगी। इसमें सेवा निवृत्त जिला न्यायाधीश अध्यक्ष व अपर मंडलायुक्त सदस्य होगा। इनका चयन व अन्य सेवा शर्तों के लिए एक खोजबीन सह चयन समिति होगी।