लक्षणयुक्त व कोविड-19 पॉज़िटिव शिशुओं के उपचार में रखें खास ख्याल

लक्षणयुक्त व कोविड-19 पॉज़िटिव शिशुओं के उपचार में रखें खास ख्याल


जनमानस को जागरूक करने में जुटा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग
• निगरानी समिति बच्चों का कर रहीं नियमित फॉलो अप
• खांसी, बुखार, दस्त आने व स्तनपान बंद करने पर चिकित्सक को जरूर दिखाएँ
वाराणसी,
कोविड-19 संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से निपटने की सरकार ने हर जरूरी तैयारी शुरू कर दी है । एक ओर जहाँ चिकित्सालयों में बच्चों के लिए अलग से वार्ड बनाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर से जनपद में जन्म से 18 वर्ष तक के बच्चों की कोरोना की जांच की जा रही है ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीबी सिंह ने बताया – कार्यालय महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ उत्तर प्रदेश द्वारा भी जनमानस में लक्षणयुक्त शिशु तथा कोविड-19 पॉज़िटिव बच्चों के उपचार के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। हाल ही में जारी किए गए पोस्टर में दर्शाया गया है कि कैसे लक्षणयुक्त व कोविड-19 पॉज़िटिव शिशुओं का उपचार किया जा सकता है। इसमें बताया गया है कि जन्म से 12 माह तक के शिशुओं के लिए दवाई किट में तीन तरह की दवाईं पैरासिटामोल ड्रॉप (100 मि0ग्रा0 प्रति 100 मि0ली0) दो शीशी, मल्टीविटामिन ड्रॉप की एक शीशी और ओआरएस के दो पैकेट शामिल की गयी है।
पोस्टर में दर्शाया गया है कि इसमें जन्म से दो माह तक के शिशु को पैरासिटामोल ड्रॉप की 0.5 मि0ली0 दिन में तीन बार (ड्रोपर के मि0ली0 निशान का प्रयोग करें), तीन से छह माह के शिशु को एक मि0ली0 दिन में तीन बार, सात से 12 माह के शिशु को एक मि0ली0 दिन में चार बार दें। यह दवा बुखार आने की स्थिति में ही देनी है, खाली पेट दवा न दें । वहीं जन्म से दो माह तक के शिशु को मल्टीविटामिन ड्रॉप नहीं देनी है, तीन से छह माह के शिशु को भी नहीं देनी है, जबकि सात से 12 माह के शिशु को 0.5 मि0ली0 सात दिन तक दिया जाना है। ओआरएस, दस्त होने की स्थिति में एक लीटर पानी को उबाल कर ठंडा कर लें, इसके बाद इस एक लीटर पानी में एक पूरा पैकेट घोल कर एक बर्तन में ढककर रखें, हर बार दस्त होने के बाद थोड़ी-थोड़ी मात्रा में बच्चों को दें।
इसके साथ ही दिन में तीन से चार बार बच्चे का श्वसन स्तर तथा ऑक्सीज़न सेचूरेशन (पल्स ऑक्सीमीटर) अवश्य नापें, यह 94% से अधिक होना चाहिए। अगर बच्चे को अधिक खांसी आए, पसली चलती प्रतीत हो रही हों, बच्चा दूध एवं खुराक लेना बंद कर दे, बच्चे को तेज बुखार हो अथवा दस्त न रुकें तो तत्काल नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर जाएँ जहां बच्चे की जांच उपरांत अग्रिम उपचार के लिए आवश्यक दवा उपलब्ध कराई जायेगी।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जिला सर्विलान्स अधिकारी डॉ एसएस कनौजिया ने बताया – एक जून 2021 से अब तक जिले में 10,831 बच्चों की जांच की गयी जिसमें से 23 बच्चे पॉज़िटिव पाये गए । इसमें से जन्म से पाँच वर्ष तक के 04 बच्चे, छह से 12 वर्ष तक के 08 बच्चे व 13 से 18 वर्ष तक के 11 बच्चे शामिल हैं। निगरानी समिति द्वारा सभी बच्चों का नियमित फॉलो अप भी किया जा रहा है । इस दौरान उनकी स्वास्थ्य आवश्यकताओं का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है । इसके साथ ही बच्चों के परिजनों को कोविड-19 प्रोटोकॉल के लिए जागरूक किया जा रहा है और जरूरी परामर्श दिया जा रहा है। इसके साथ ही धात्री माताओं को कोविड के दौरान स्तनपान जारी रखने के लिए परामर्श दिया जा रहा है।
खतरे के लक्षण –
• लगातार कई दिन 101 डिग्री से अधिक का बुखार
• अत्यधिक खांसी आना, पसली चलना
• दूध एवं खुराक लेना बंद कर देना
• अत्यधिक रोना अथवा निढाल पड़ जाना
• ऑक्सीजन स्तर 94% से कम हो जाना
हेल्प लाइन नंबर –
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा राज्य स्तरीय हेल्प लाइन नंबर 1800-180-5145 व 104 एवं जिला स्तरीय हेल्प लाइन नंबर 1077 व 0542-2720005 जारी किए गए हैं जिस पर संपर्क किया जा सकता है ।

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