विश्व रक्तदाता दिवस 2021 :
कोरोना वायरस ने दुनियाभर के लोगों की जिंदगी को पूरी तरह बदलकर रख दिया है। कोरोनावायरस की जद में आ चुके लोग अपने खान-पान से लेकर सेहत से जुड़ी हर चीज को करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह लेना पसंद कर रहे हैं। ऐसे में आज विश्वभर में ‘वर्ल्ड डोनर डे’ मनाया जा रहा है। यह खास दिन विश्व रक्तदाता दिवस हर साल 14 जून को रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। लेकिन कोरोना से ठीक हुए लोगों के मन को एक सवाल परेशान कर रहा है, लोगों को संदेह है कि क्या वो कोरोनावायरस से उबरने के बाद रक्तदान कर सकते हैं? विश्व रक्तदाता दिवस के दिन आइए जानते हैं क्या है इस सवाल का सही जवाब।
क्या COVID-19 से ठीक हो चुके मरीज कर सकते हैं रक्तदान ?
विशेषज्ञों के अनुसार, ठीक हुए COVID-19 मरीज कुछ बातों का ध्यान रखते हुए रक्तदान कर सकते हैं।
-कोरोना से पूरी तरह से ठीक हो चुके मरीज एक महीने बाद बल्ड डोनेट कर सकते हैं।
-कोई भी व्यक्ति वैक्सीन लगवाने के 14 दिन बाद रक्तदान कर सकता है। यानी वैक्सीन के पहले और दूसरे डोज के बीच भी आप चाहें तो रक्तदान कर सकते हैं।
-यदि कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित हो चुका है, तो आरटीपीसीआर रिपोर्ट के निगेटिव आने के 14 दिनों के बाद वह रक्तदान कर सकता है।
-आप रक्तदान तभी कर सकते हैं, जब आपके शरीर में आयरन की मात्रा कम न हो। आयरन की पूर्ति मछली, किशमिश, बींस, पालक समेत अन्य खाद्य सामग्रियों के सेवन से हो सकती है।
-कोई भी 18 साल से ऊपर उम्र का व्यक्ति रक्तदान कर सकता हैं। लेकिन, उनका वजन 45 से 50 किलो से कम बिल्कुल नहीं होना चाहिए।
-रक्तदान करते समय पहले से इस्तेमाल में लाया गया नीडल का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
-रक्तदान सिर्फ उन्हीं लोगों को करना चाहिए, जिन्हें एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, कोरोना, मलेरिया, थैलेसीमिया जैसे रोग न हो या फिर व्यक्ति की कोई बड़ी सजर्री न हुई हो। इसके अलावा ऐसे व्यक्ति जिनके शरीर में पहले से ही हिमोग्लोबिन की मात्रा कम हो, उन्हें रक्तदान नहीं करना चाहिए।
रक्तदान के फायदे-
दिल के सेहत –
रक्तदान करने से शरीर में खून का थक्का नहीं जमता और शरीर में रक्त का प्रवाह सुचारू ढंग से होता रहता है। जिसकी वजह से व्यक्ति को हार्ट अटैक का खतरा कम रहता है।
वजन कम करने में फायदेमंद-
रक्तदान करने से वजन कम करने में मदद मिलती है, इसीलिए हर साल कम से कम 2 बार रक्तदान करना चाहिए।
लिवर से जुड़ी समस्याओं में राहत-
खून डोनेट करने से लिवर से जुड़ी समस्याओं में राहत मिलती है। शरीर में ज़्यादा आइरन की मात्रा लिवर पर दवाब डालती है और रक्तदान से आइरन की मात्रा बैलेंस हो जाती है।