पारस अस्पताल में हुयी दरिंदगी स्वास्थ मंत्री जयप्रताप सिंह ने मामले की जांच का दिया आश्वासन

आगरा

वैसे तो डॉक्टरों को भगवान का रूप कहा जाता है मगर आगरा में एक निजी हॉस्पिटल के मालिक और डॉक्टर ने ऐसा कुकृत्य किया है जिस की वजह से उसे डाक्टरों की भीड़ में छिपा दरिंदा कहा जा सकता है ।

इस दरिंदे ने सीधे-सीधे 22 मरीजों की हत्या कर दी ।

पारस हॉस्पीटल के संचालक डॉ. अरिंजय जैन का आज एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें डॉक्टर खुलकर कह रहा है कि पहले मॉक ड्रिल यानी पूर्वाभ्यास हुआ कि आक्सीजन बंद करने से कितने मरीजों की जान जा सकती है और, अगले दिन पांच मिनट आक्सीजन आपूर्ति रोककर इन मरीजों की जान ले ली गई ।

पेशेवर हत्यारा डॉक्टर बेशर्मी से कह रहा है- 26 अप्रैल की सुबह सात बजे ऑक्सीजन हटाने का मॉकड्रिल किया। जब आक्सीजन रोकी तो पांच मिनट में ही छंट गए 22 मरीज।

डाक्टर कह रहा है 25-26 अप्रैल को जब कोविड पूरे उफान पर था, तब मेरे अस्पताल में 96 मरीज थे। आगरा में भी हाल खराब थे। हमने सोचा- मेरे बॉस अब समझ जाओ… डिस्चार्ज शुरू करो। आक्सीजन कहीं नहीं है, आपको बता दूं। कुछ लोग पेंडुलम बने रहे, नहीं जाएंगे-नहीं जाएंगे। मैंने कहा- छोड़ो, अब छांटो जिनकी आक्सीजन बंद हो सकती है। एक मॉक ड्रिल करके देख लो, समझ जाएंगे, कि कौन मरेगा या नहीं मरेगा। मॉक ड्रिल की तो छटपटा गए, नीले पड़ने लगे। और जब, आक्सीजन रोकी तो 22 छंट गए।

डाक्टर के वायरल वीडियो में इस खुलासे के बाद हड़कम्प मच गया है । पिछली लहर में आगरा मंडल में कोरोना फैलाने पर मुकदमा झेलने वाले इस अस्पताल को कोवि़ड हॉस्पीटल कैसे बना दिया गया, इसका जवाब किसी के पास नही है

राज्य के स्वास्थ मंत्री जयप्रताप सिंह ने मामले की जांच करा कर कार्रवाई की बात कही है ।

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