लखनऊ में राशन वितरण व्यवस्था बिगड़ती नजर रही है. बताया जा रहा है कि करीब 250 कोटेदार अपनी दुकान बंद कर भाग गए. गरीबों के घर राशन खत्म हो रहा है. ठेकेदार 614 कोटे की दुकानों में से मात्र 58 दुकानों तक ही राशन पहुंचा पाए. राशन वितरण के 5 दिन बाद भी शहर के 556 यानी 90 फीसद दुकानों तक राशन नहीं पहुंचा है.
लखनऊ. लखनऊ में राशन वितरण व्यवस्था काफी बिगड़ती नजर रही है. शहर के 90 फीसद दुकानों तक राशन नहीं पहुंच पाया है. बताया जा रहा है कि करीब 250 कोटेदार अपनी दुकान बंद कर भाग गए हैं जिसके कारण राशन की आस में कार्डधारक हर रोज दुकान के चक्कर लगाने पढ़ रहे हैं. लोग राशन न मिलने कारण काफी परेशान हैं. बता दें कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत इस बार 3 मई से निशुल्क वितरण शुरू होना था जिसके बीच जिस ठेकेदार को पूरा राशन उठाने का जिम्मा था वह ब्लैक लिस्ट हो गया. नए ठेकेदार आने पर भी यह व्यवस्था ठीक होती नहीं दिखी.
नए ठेकादार का कहना है कि गाड़ियों में कमी के कारण वे 614 कोटे की दुकानों में से मात्र 58 दुकानों तक ही राशन पहुंचा पाए. राशन वितरण के 5 दिन बाद भी शहर के 556 यानी 90 फीसद दुकानों तक राशन नहीं पहुंचा है. दुकानों के चक्कर काटते व हर रोज बिना राशन के लौट रहे कार्ड धारकों का गुस्सा कोटेवारों पर निकल रहा है जिससे परेशान होकर करीब 250 कोटेदारों तो दुकान ही नहीं खोल रहे हैं.
आलम बाग, बंगला बाजार, सरोजनीनगर, हजरतगंज क्षेत्र, चिनहट, गोमती नगर, चारबाग, यहियागंज, पुराने लखनऊ के तमाम कोटेदार अपनी दुकाने छोड़ कर भाग गए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में भी 637 दुकानों में से 419 दुकानों में ही राशन पहुंचा है. राशन वितरण व्यस्था के बिगड़ने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पढ़ रहा है.
गरीबों के घर राशन खत्म हो रहा है. सोमवार को आईएमओ की ओर से सीडब्ल्यूसी के गोदाम पर एक बैठक बुलाई गई थी जिसमें सभी विप्पणन और आपूर्ति के अधिकारी और सस्ता गल्ला परिषद के पदाधिकारी शामिल हुए लेकिन इस समस्या का कोई हल नहीं निकल पाया.