वाराणसी में पंडित राजन मिश्र कोविड अस्पताल के बाहर हाउस कीपिंग कर्मचारियों ने जमकर हंगामा किया। अस्पताल के कर्मचारियों के हंगामे के बाद अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्हें समझाने में जुट गए।
अभिषेक जायसवाल,वाराणसी
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में पंडित राजन मिश्र डीआरडीओ कोविड अस्पताल के हाउस कीपिंग कर्मचारियों ने रविवार की सुबह अस्पताल के बाहर जमकर हंगामा किया। सैलरी न मिलने से नाराज दर्जनों की संख्या में कर्मचारी सुबह की शिफ्ट का बहिष्कार कर अस्पताल के बाहर इक्कठे हुए और फिर नारेबाजी शुरू कर दी। एक निजी कम्पनी के जरिए कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर मई महीने में डीआरडीओ अस्पताल में इनकी नियुक्ति की गई थी।
अस्पताल के बाहर कर्मचारियों के हंगामे की खबर के बाद बीएचयू प्रोक्टोरियल बोर्ड के अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्हें समझाने में जुट गए बाद में डीआरडीओ के कुछ अफसरों ने भी उनसे बातचीत की। एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में अस्पताल के हाउस कीपिंग कर्मचारी शिवकुमार ने बताया कि हम कर्मचारी अपना जान जोखिम में रखकर आईसीयू में कोविड मरीजों की सेवा कर रहे हैं। अस्पताल में नौकरी के वक्त 17 हजार रुपये सैलरी की बात कही गई थी,लेकिन अब 9 हजार रुपये ही सैलरी दी जा रही हैं।
घटिया पीपीई किट पहनने को मजबूर
शिव कुमार ने आरोप लगाया कि ड्यूटी के दौरान अस्पताल की ओर से घटिया क्वालिटी का पीपीई किट दिया जाता था। जिन्हें पहनकर वो 8 घण्टे कोरोना मरीजों के बीच मे रह कर उनकी सेवा करते हैं।
सुपरवाइजर करते है दुर्व्यवहार
शिवकुमार में ये भी आरोप लगाया कि ड्यूटी के एक घण्टे के पहले हमे अस्पताल बुलाया जाता है। 10 मिनट की देरी होने पर सुपरवाइजर प्रभात सिंह दुर्व्यवहार कर हाउस कीपिंग कर्मचारियों को भगा देते हैं। यही नहीं अब तो कहा जाता है जिन्हें काम करना है करे नहीं तो छोड़ कर चला जाए। कई लोगो को जबरन काम से भगा दिया गया है।
सुपरवाइजर ने दी सफाई
हाउस कीपिंग कर्मचारियों के सुपरवाइजर प्रभार सिंह ने बताया कि अस्पताल में मरीजों की संख्या कम होने के कारण अब उन्हें हटाया जा रहा है। अस्पताल में बैठाकर पैसे देने का कोई मतलब नहीं है।