बोर्ड परीक्षा रद्द करने के फैसले का बहुत अधिक असर जेएनयू, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय की प्रवेश प्रक्रिया पर नहीं पड़ेगा क्योंकि तीनों विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं। वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय और आम्बेडकर विश्वविद्यालय अंक आधारित प्रवेश प्रक्रिया के लिए सीबीएसई के मानदंडों का इंजतार कर रहे हैं।
सरकार ने मंगलवार को कोविड-19 महामारी से उत्पन्न हालात के मद्देनजर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द करने का फैसला किया। दिल्ली विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति पीसी जोशी ने कहा कि विश्वविद्यालय की प्रवेश समिति और अकादमिक परिषद के साथ स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में प्रवेश की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने को लेकर चर्चा की जाएगी। दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले 98 प्रतिशत विद्यार्थी सीबीएसई के होते हैं।
डीयू की तरह 12वीं में प्राप्त अंकों के आधार पर प्रवेश देने वाले आम्बेडकर विश्वविद्यालय ने भी बयान में कहा, ”यह समय से सरकार द्वारा लिया गया स्वागत योग्य फैसला है। आम्बेडर विश्वविद्यालय ने कहा कि इससे विश्वविद्यालय को समय से प्रवेश प्रक्रिया संपन्न करने और अगले शैक्षणिक सत्र को समय पर शुरू करने में मदद मिलेगी। सीबीएसई 12वीं कक्षा के नतीजे उपलब्ध कराएगा। स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में प्रवेश की प्रक्रिया योग्यता आधारित होगी जैसा पिछले शैक्षणिक सत्र तक किया गया है।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई), जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) और इंद्रप्रस्थ विश्विद्यालय प्रवेश परीक्षा कराते हैं और उनका कहना है कि बोर्ड परीक्षा रद्द करने के फैसले से उनकी प्रवेश प्रक्रिया पर बहुत अधिक असर नहीं होगा।