प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने राज्य विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष की वार्षिक एवं सेमेस्टर परीक्षाएं 13 अगस्त तक करा लेने की योजना बनाई है। साथ ही परीक्षा का सरलीकरण इस प्रकार किया जाएगा कि एक विषय के सभी प्रश्नपत्रों को शामिल करते हुए एक ही प्रश्नपत्र तैयार किया जाएगा जो बहुविकल्पीय प्रश्नों पर आधारित होगा। परीक्षा प्रणाली ओएमआर पर आधारित होगी।
सूत्रों के अनुसार, तीन कुलपतियों की कमेटी की सिफारिशों के आधार पर प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। इस संबंध में जल्द ही शासनादेश जारी कर दिया जाएगा। शासन की मंशा है कि सभी परीक्षाओं के परिणाम 31 अगस्त 2021 तक घोषित कर दिए जाएं। प्रस्ताव में प्रायोगिक परीक्षाओं के बारे में यह व्यवस्था बनाई गई है कि इसमें अंकों का निर्धारण लिखित परीक्षा के आधार पर किया जाए तथा मौखिक परीक्षा को आवश्यकतानुसार आनलाइन कराया जाए। विश्वविद्यालयों में वार्षिक परीक्षा पद्धति एवं सेमेस्टर परीक्षा पद्धति में छात्रों को प्रोन्नत करने के नियम भी तय कर दिए गए हैं। दोनों के लिए अलग-अलग दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। अंतिम वर्ष एवं अंतिम सेमेस्टर से पूर्व की कक्षाओं के छात्रों को बिना परीक्षा कराए प्रोन्नत किया जाएगा।
सेमेस्टर प्रणाली में होगी यह व्यवस्था
प्रस्ताव में कहा गया है कि ऐसे विश्वविद्यालय जहां स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं हो चुकी हैं तथा द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षाएं सम्पन्न नहीं हुई हैं, वहां उनके प्रथम सेमेस्टर के अंकों के आधार पर उनके द्वितीय सेमेस्टर के परिणाम तथा अंक निर्धारित होंगे। इसी तरह यदि तृतीय एवं विषम सेमेस्टर की परीक्षाएं हो चुकी हैं तथा चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षाएं नहीं हुई हैं तो तृतीय एवं सेमेस्टर के अंकों के आधार पर चतुर्थ सेमेस्टर के परिणाम एवं अंक निर्धारित होंगे।
वार्षिक परीक्षा प्रणाली में होगी यह व्यवस्था
प्रस्ताव में कहा गया है कि ऐसे विश्वविद्यालय जहां स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के प्रथम वर्ष की परीक्षाएं संपन्न नहीं हुई हैं। वहां ऐसे छात्रों को द्वितीय वर्ष में प्रोन्नत कर दिया जाएगा तथा इनकी आगामी द्वितीय वर्ष की परीक्षा के अंकों के आधार पर उनके प्रथम वर्ष का परिणाम एवं अंक निर्धारित होंगे। ऐसे विश्वविद्यालय जहां वर्ष 2020 में प्रथम वर्ष की परीक्षाएं हुई थीं, वहां प्रथम वर्ष के अंकों के आधार पर द्वितीय वर्ष के परिणाम एवं अंक निर्धारित होंगे और तृतीय वर्ष में प्रोन्नत किया जाएगा। इसी तरह ऐसे विश्वविद्यालय जहां 2020 में प्रथम वर्ष की परीक्षाएं नहीं हुई थीं, उनके लिए द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं कराई जाएंगी और परीक्षा परिणाम के आधार पर तृतीय वर्ष में प्रवेश दिया जाएगा। स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के छात्रों को भी द्वितीय वर्ष में प्रोन्नत किया जाएगा। जब वर्ष 2022 में द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं होंगी तो द्वितीय वर्ष के अंकों के आधार पर उन्हें प्रथम वर्ष में अंक प्रदान किए जाएंगे।