अयोध्या-पति-पत्नी की लोहे की रॉड से मारकर हत्या

वारदात

फ्लैग- चांदपुर हरिबंस गांव में एक मकान में रहते थे दंपति, दामाद जब रविवार की सुबह राशन लेकर पहुंचा तो घटना की हुई जानकारी

पुलिस उप महानिरीक्षक व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पहुंचकर की जांच

जांच में प्रथम दृष्टया हत्या के पीछे प्रॉपर्टी का मामला बताया जा रहा

भदरसा, अयोध्या संवाददाता

पूराकलंदर थाना क्षेत्र के चांदपुर हरिवंश गांव से दूर लगभग सौ मीटर पर खेत में घर बनाकर रह रहे पति व पत्नी की लोहे की रॉड से मारकर हत्या कर दी गई। हत्या से पहले मृतक का हत्यारों से संघर्ष भी हुआ था। रविवार सुबह जब दामाद राशन पहुंचाने घर पहुंचा तो घटना की जानकारी हुई। उसकी सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची तो आगे वाले कमरे में पत्नी और अंदर वाले कमरे में पति का शव खून से लथपथ पड़ा मिला घटना की सूचना पर पुलिस उप महानिरीक्षक संजीव कुमार गुप्त व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र कुमार पांडेय मौके पर पहुंचे और घटना की जांच कर जल्द खुलासे का निर्देश दिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

चांदपुर हरिवंश गांव में गांव से थोड़ी दूर लगभग सौ मीटर पर 58 वर्षीय हृदयराम उर्फ ननकनू पुत्र रामेश्वर अपनी 55 वर्षीय पत्नी मालती देवी के साथ खेत में घर बनाकर रह रहे थे। इनकी इकलौती बेटी कमलेश कुमारी थी, जो अपने ससुराल मिर्जापुर निमौली के मजरे खुडुमपु में रह रही है। रविवार की सुबह उनके दामाद रामसिंगार ने अपने घर से फोन किया। फोन रिसीव नहीं हुआ तो दामाद राशन लेकर उनके घर पहुंचे और बाहर से आवाज लगाई, जब कोई नहीं बोला तो दरवाजा को धक्का दिया। दरवाजा खुला तो देखा कि सास की लाश पड़ी है। इसकी सूचना उन्होंने गांव के निवर्तमान प्रधान अनूप कुमार को दी। पूर्व प्रधान की सूचना पर पूराकलंदर थानाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह दल-बल के साथ पहुंचे और जब मकान में घुसे तो देखा कि आगे वाले कमरे में पत्नी मालती और पीछे वाले कमरे में हृदयराम का शव पड़ा है। दोनों के सिर पर गंभीर चोट आई है। मौके पर पाया गया कि मृतकों ने हत्यारों से काफी संघर्ष भी किया होगा।

एसएसपी, एसपी सिटी विजयपाल सिंह, सीओ अयोध्या राजेश कुमार राय मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। फोरेंसिक टीम ने भी पहुंचकर घटनास्थल पर नमूना लिया। पूराकलंदर थानाध्यक्ष ने बताया कि दोनों शवों का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया है। हत्या के कारण का पता लगाया जा रहा है।

अधिकारियों ने घटना खुलासे का दिया निर्देश

भदरसा। पुलिस उप महानिरीक्षक संजीव कुमार गुप्त व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र कुमार पांडेय ने घटना की गहनता से जांच करते हुए कहा कि 24 घंटे के अंदर घटना का खुलासा हो। घटना के खुलासे के लिए एसओजी सहित कई टीमें लगा दी गई हैं।

शुक्रवार को मृतक दंपति कोटेदार के घर गये थे राशन लेने

भदरसा। पूराकलंदर थाना क्षेत्र के चांदपुर हरिवंश गांव में हुए दंपत्ति हृदयराम को ग्रामीणों ने आखरी बार शुक्रवार को देखा था। हृदयराम और उनकी पत्नी मालती देवी शुक्रवार को कोटेदार के घर जाकर राशन लिया था। उसके बाद से ग्रामीणों ने उन्हें नहीं देखा, क्योंकि उनका घर गांव से दूर है और उधर रास्ता न होने के कारण ग्रामीणों का आना-जाना नहीं रहता था।

मृतक ने घर के पास बनवाया था मंदिर

भदरसा। चांदपुर हरिबंश में हुए दलित हृदयराम और उनकी पति मालती दोनों लोग अकेले रहते थे। घर के पास हनुमान जी व भगवान शिव का अलग-अलग मंदिर भी बनवाया था। कई वर्ष पूर्व जब खेत में घर बनवाया तो पहले अपने गांव का पैतृक घर बेच दिया, क्योकि वहां पर दोनों भाइयों से विवाद होता रहता था।

हृदयराम आरा मशीन पर लकड़ी चीरने का कार्य करते थे और मौका मिलने पर टार्च व छाता भी बनाते थे। वह इतने भक्ति विचारधारा के थे कि प्रत्येक वर्ष वह शिवरात्रि के दिन भंडारा करते थे, जिसमे रिश्तेदार के अलावा सगेसंबंधी मिलाकर सैंकड़ों लोग भंडारे में शामिल होकर प्रसाद ग्रहण करते थे |

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तीन भाइयों में हृदयराम की थी इकलौती बेटी

भदरसा। मृतक दंपति हृदयराम तीन भाई थे, जिनमे हृदयराम सबसे छोटे थे। उनकी इकलौती पुत्री कमलेश कुमारी थी, जिसकी शादी कर दी थी। अन्य दो भाई श्यामलाल और तिलकराम के कोई संतान नहीं थी।

तिलकराम अपने एक रिश्तेदार भिखी का पुरवा को अपनी संपति पहले ही बैनामा कर दिया था, जिससे उनके मरने के बाद उनकी हो गयी। श्यामलाल की मौत के बाद उनकी पत्नी कर्मादेवी घर में अकेली थी और अपने भतीजे महराजगंज थाना क्षेत्र के कुम्हिया भदौली निवासी इंद्रेश को गोद ले लिया था, जो उनके साथ रहकर उनकी सेवा कर रहा है। तीनों भाई पहले से ही अलग-अलग रहते थे और तीनों भाइयों में सामंजस्य नहीं रहता था। इसीलिए हृदयराम अपना पैतृक घर बेचकर खेत में घर बनवा लिया था।

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हत्या के पीछा प्रॉपर्टी विवाद की आशंका

भदरसा। चांदपुर हरिबंश गांव में हुई दंपति हृदयराम कोरी की हत्या के पीछा लोग प्रॉपर्टी विवाद का मामला मान रहे हैं। नगर निगम क्षेत्र में गांव आने के बाद यंहा की जमीन काफी कीमती हो गयी। लगभग 12 बिस्वा जमीन करोड़ों की बतायी जा रही है।

मृतक के दामाद रामसिंगार और उनकी बेटी कमलेश कुमारी की मानें तो पांच वर्ष पूर्व उनके पिता ने बेटी कमलेश कुमारी के नाम से करोड़ों की जमीन वसीयत कर दी थी लेकिन सूत्रों की मानें तो मृतक ने अभी जल्द ही एक बिस्वा जमीन किसी को एग्रीमेंट किया था। उसका कुछ हिस्सा पैसा ले लिया है और पूरा पैसा देने पर बैनामा करने की बात कही थी। करोड़ों की जमीन कहीं इनके हत्या का कारण तो नहीं बनी या जो जमीन एग्रीमेंट की उसमे जो लाखों रुपया मिला घर में रखे रहे हो कही उसी पैसे के लिए हत्या कर दी गई हो, फिलहाल मृतक ने हत्यारों से जमकर मुकाबला भी किया है। घर की स्थित देखने पर हत्यारों और मृतक के बीच संघर्ष होने के प्रमाण मिले हैं।

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मृतक दंपति थे बहुत मिलनसार

भदरसा। मृतक हृदयराम उर्फ़ ननकनू व उनकी पति मालती मिलनसार थीं। गांव के बीच से उनका रास्ता था। आते-जाते लोगों से मिलना और राम-जोहर करना उनकी नित्य का कार्य था। छोटे-बड़े सबसे पहले ही नमस्कार करते थे। हनुमान जी और शंकर भंगवान के पुजारी हृदयराम सुबह-शाम दोनों समय पूजा करते थे और बिना स्नान व पूजा के भोजन नहीं लेते थे। ग्रामीणों की माने तो पति-पत्नी जहां भी जाते थे। दोनों लोग साथ में रहते थे।

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बरसात में परेशानी पर बनवाई थी लोहे की सीढ़ी

भदरसा। मृतक हृदयराम के घर जाने के लिए रास्ते में बरसात के महीने में पानी भर जाता था। घर के थोड़ी पहले तक चकरोड पर मिटटी पड़ी थी, जहां तक मिटटी पड़ी थी वहां पर पानी कम भरा होने के कारण उसमें से घुसकर जाते थे। जहां कमर तक पानी आ जाता था, वहां के लिए लगभग बीस फिट की सीढ़ी बनाकर जमीन में रखा था। बरसात के समय उसी सीढ़ी से अपने घर में घुसते थे। बरसात के महीने में उनके घर के चारों तरफ पानी भरा रहता था। छोटे से मकान में ऊपर चढ़ने के लिए जीना बाहर से बनाया था।

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