नकली दवा बेचने वाले मंत्री के करीबी निकले
कानपुर। मरीजों को मौत के मुंह में धकेलकर मुनाफा कमाने वाले मौत के सौदागरों ने सैकड़ों लोगों को नकली एमफोनेक्स इंजेक्शन (एम्फोटेरेसिन बी साल्ट) बेचे। इनमें से कानपुर व वाराणसी के अलावा शहर के भी कई लोग शामिल थे। इस बात का खुलासा हिरासत में लिए गए दो मेडिकल स्टोर संचालकों से पूछताछ में हुआ है। पता चला है कि कानपुर में पकड़े गए तस्करों का शिकार एसआरएन के एक डॉक्टर भी हुए, जिन्हेें दो लाख रुपये लेकर 30 नकली इंजेक्शन थमा दिए गए थे। पकड़ा गया एक मेडिकल स्टोर संचालक खुद को कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी का करीबी बताता था। जिला पुलिस इस बात का पता लगाने में जुटी है कि तस्कर गिरोह ने शहर में कहां-कहां नकली इंजेक्शन बेचे और इस गोरखधंधे में कितने और कौन लोग शामिल हैं। ब्लैक फंगस का नकली इंजेक्शन बेचने के आरोप में पकड़ा गया आरोपी ने कैबिनेट मंत्री नंदी के साथ फोटो लगायी है। नकली इंजेक्शन बेच जाने के खेल का खुलासा दो दिन पहले कानपुर में तस्कर गिरोह के दो सदस्यों ज्ञानेश शर्मा व प्रकाश मिश्रा के पकड़े जाने के बाद हुआ था। जिनके कब्जे से 60 से ज्यादा नकली इंजेक्शन बरामद हुए थे।