नमामि गंगे की इकाई राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) ने गंगा व इसकी सहायक नदियों के किनारे शव दफनाने पर पूरी तरह रोक लगा दी है। इसके साथ ही नदियों में शवों को प्रवाहित करने पर भी रोक लगाई है। नई दिल्ली स्थित मिशन के मुख्यालय से पिछले दिनों शव दफनाने पर रोक लगाने को लेकर एक पत्र प्रदेश इकाइयों को भेजा गया है।
पत्र में दफनाए गए शवों को निस्तारित करने का भी निर्देश दिया गया है। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने 21 मई को उत्तर प्रदेश इकाई के पास पत्र भेजा। इसमें गंगा किनारे शव दफनाने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने और इसकी निगरानी के लिए सुरक्षा बलों की निगरानी का निर्देश दिया है। सुरक्षा एजेंसियों को गंगा व इसकी सहायक नदियों में शवों का प्रवाह भी रोकने के लिए निर्देशित किया गया है। मिशन के अधिशासी निदेशक डीपी मथुरिया की ओर से जारी पत्र के बिंदु पांच में गंगा व इसकी सहायक नदियों के किनारे दफनाए गए शवों को मानक के अनुरूप दाह संस्कार करने की भी बात कही गई है। दाह संस्कार के अलावा शवों के निस्तारण पर होने वाला खर्च प्रदेश सरकार देगी।
प्रदेश इकाई ने सिर्फ प्रवाहित शवों के अंतिम संस्कार का दिया निर्देश
गंगा किनारे शव दफनाने या नदी में प्रवाहित करने पर रोक का पत्र जारी होने के बाद राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की प्रदेश इकाई ने सभी जिलाधिकारी व गंगा समिति के अध्यक्षों को पत्र भेजा। इस पत्र में गंगा में प्रवाहित होने वाले शवों को निस्तारित करने पर जोर दिया गया है। जबकि मिशन मुख्यालय से भेजे गए पत्र में शव दफनाने से रोकने को अधिक महत्व दिया गया है।