संक्रमित बाहर न निकलें इसके लिए निगरानी समितियां बनाई गई हैं। घर को सील करने से संक्रमित परिवार की घबराहट बढ़ जाती है। प्रभारी डीएम निरीक्षण पर अलीगंज के कंटेनमेंट जोन पहुंची तो वहां कुछ मकान बांस-बल्लियों से सील देखकर नाराजगी जताई। तुरंत नगर निगम से उसको हटाने का निर्देश दिया। डीएम ने संक्रमितों से दूरी बनाते हुए उनका हालचाल लिया। साथ की कुछ को दवा बांटी।
प्रभारी डीएम रौशन जैकब ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अलीगंज के अधीन आने वाले इलाकों का निरीक्षण किया। निरीक्षण में उनके साथ एसीएम पंचम सत्यम मिश्रा भी थे। इस दौरान होम आइसोलेशन मरीजों के घर को बाहर से देखा। कहीं बल्लियां लगी थीं तो कहीं टेपिंग कर के संक्रमितों के घरों को सील किया हुआ था। डीएम बोलीं कि निगरानी समितियों का एक विशाल नेटवर्क जब तैयार किया गया है तो घर को सील करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने अपने सामने मरीजों को दवा बंटवाई। कुछ को खुद दवाओं के किट दिए। निर्देश दिया कि मरीजों को समय से दवाएं मिलें। होम आइसोलेशन मरीजों की नियमित निगरानी करें ताकि किसी की तबियत गंभीर हो तो उसको तुरंत उपचार दिया जा सके।
रहीमनगर क्षेत्र के निरीक्षण के दौरान स्टाफ नर्स शालिनी मिलीं लेकिन लैब टेक्निशियन अनुपस्थित मिले। स्टाफ नर्स से जब डीएम ने पूछा कि उनकी क्या जिम्मेदारियां हैं तो बता नहीं पाईं। यहां तक कि सूची में अंकित संक्रमितों के घरों के बारे में भी जवाब नहीं दे सकीं। कितने घरों में टेस्टिंग हुई, कितनों को दवा बांटी इस बारे में रजिस्टर में संख्या शून्य मिली। डीएम ने तुरंत संबंधित टीम के कर्मचारियों को निलम्बित करने के निर्देश दिए।
होम आइसोलेशन मरीजों को समय पर इलाज मिले तो हालत नहीं बिगड़ेगी। इसलिए जिलाधिकारी ने जांच के बाद पॉजिटिव आते ही दवा किट पहुंचाने की व्यवस्था मजबूत बनाई है। शनिवार से दवा बांटने का विशेष अभियान चलाया गया। डीएम ने बताया कि तीन लाख किट दो दिन पहले और शनिवार को 50 हजार दवाओं की किट मंगवाई गई है। इसके अलावा कई बड़ी फार्मा कंपनियां भी दवाओं के किट उपलब्ध कराएंगी।