कोरोना वायरस के कहर के बीच रेमडेसिविर को लेकर पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है। कोरोना केस बढ़ने से इसकी मांग में इतनी तेजी आई है कि चारों तरफ इसकी किल्लत होने लगी है। इस बीच केंद्र सरकार ने एक राहत भरा फैसला लिया है। देश ने एंटी-वायरल दवा रेमेडिसिविर पर आयात शुल्क हटा दिया है। जिसका उपयोग वर्तमान में कोविड -19 रोगियों के इलाज के लिए किया जाता है। मंगलवार देर रात जारी एक अधिसूचना में दवा के निर्माण के लिए इस्तेमाल होने वाली दवा सामग्री के आयात पर शुल्क को हटा दिया। यह कदम घरेलू उपलब्धता को बढ़ाने और इंजेक्शन की लागत को कम करने में मदद करेगा। साथ ही सरकार के इस कदम से न सिर्फ इसकी किल्लत दूर होगी, बल्कि कीमत भी कम होगी।
सरकार ने मंगलवार को रेमडेसिविर, उसके कच्चे माल और एंटीवायरल दवा बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले अन्य घटकों पर सीमा शुल्क माफ कर दिया। राजस्व विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया कि केंद्र सरकार ने जिन वस्तुओं पर शुल्क माफ किया गया है, उनमें रेमेडिसविर के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले सक्रिय फार्मास्युटिकल सामग्री (एपीआई), रेमेडिसविर इंजेक्शन और बीटा साइक्लोडोडेक्स्ट्रिन शामिल हैं। आयात शुल्क में यह छूट 31 अक्टूबर तक लागू रहेगी।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर बताया है कि कोरोना के इलाज में कारगर मानी जा रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन को बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल (Remdesivir API) के आयात पर कोई शुल्क नहीं वसूला जाएगा। इसके अलावा, रेमडेसिविर इंजेक्शन के आयात को भी ड्यूटी फ्री कर दिया गया है। केंद्र सरकार की इस घोषणा से आने वाले दिनों में देश में ये दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने की उम्मीद की जा सकती है।
इस बीच केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि अगले 15 दिनों में एंटी वायरल दवा रेमडेसिवर का उत्पादन दोगुना कर दिया जाएगा। बता दें कि एंटी वायरल दवा रेमडेसिवर को लेकर कई राज्यों से कमी की खबर आ रही है। केंद्रीय मंत्री मांडविया ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो संदेश में कहा था कि भारत सरकार देश में रेमेडिसविर इंजेक्शन के उत्पादन को बढ़ाने और कम कीमत पर उपलब्ध कराने के सभी प्रयास कर रही है। वर्तमान में, रेमेडिसवीर की प्रतिदिन 150,000 शीशियों का उत्पादन प्रति दिन किया जा रहा है और, अगले 15 दिनों