कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट 22 अप्रैल से सिर्फ जरूरी मामलों की सुनवाई करेगा। कोर्ट ने एक सर्कुलर में यह जानकारी दी। कोर्ट ने 22 अप्रैल को सूचीबद्ध सभी मामलों को स्थगित कर दिया है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में अनेक कर्मचारी संक्रमित हो गए थे। कोर्ट ने सर्कुलर में यह स्पष्ट किया है कि कौन से मामले जरूरी माने जाएंगे। कोर्ट पिछले एक साल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ही सुनवाई कर रहा है।
कोर्ट अब मौत की सजा, बंदी प्रत्यक्षीकरण, अग्रिम जमानत इत्यादि जैसे मामलों की सुनवाई करेगा। राजधानी दिल्ली में लगातार कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद यह फैसला लिया गया है।
बता दें कि इसी महीने यह खबर आई थी कि सुप्रीम कोर्ट के कई कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक बीते कुछ दिन में सुप्रीम कोर्ट के 40 से अधिक कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे।
इसके बाद बीते हफ्ते यह खबर आई थी कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एमआर शाह के स्टाफ के सभी सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं। इसके बाद न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कामकाज रोक दिया। इस पीठ में न्यायमूर्ति एमआर शाह भी शामिल थे।