पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) ये दो ऐसे इनवेस्टमेंट स्कीम हैं, जहां बड़ी संख्या में लोग अपना पैसा इनवेस्टमेंट करते हैं। पब्लिक प्रोविडेंट फंड एक लम्बी अवधि का इनवेस्टमेंट है। यह इनवेस्टमेंट उन लोगों के लिए है जो कम रिस्क उठाना चाहता हैं। लेकिन नेशनल पेंशन सिस्टम एक रिस्क ओरिएंटेड इनवेस्टमेंट है। पीपीएफ के जैसे एनपीएस पूरी तरह से रिस्क फ्री स्कीम नहीं है।
एक्सपर्ट के अनुसार अगर आप रिस्क नहीं लेना चाहते हैं तो आपके लिए सबसे बेहतर होगा की आप पीपीएफ में इनवेस्टमेंट करें, लेकिन अगर आप रिस्क उठा सकते हैं तो आपके लिए बेहतर है कि आप एनपीएस में पैसा लगाएं।
क्या है कंफ्यूजन
गुड मनी इंग डाॅट काॅम के संस्थापक मनिकरण सिंघल कहते हैं, ‘दोनों इनवेस्टमेंट हमारी स्वेच्छा पर निर्भर करता है। दोनों लम्बी अवधि के इनवेस्टमेंट प्लान है। जहां पीपीएफ की ब्याज दर फिक्सड है, तो वहीं एनपीएस पूरी तरह से बाजार पर निर्भर है। दोनों स्कीम इंवेस्टमेंट करने पर 1.50 लाख रुपये तक की टैक्स में छूट मिलेगी। वहीं एनपीएस में इनवेस्टमेंट करने वालों को 80सीसीडी नियम के तहत 50 हजार रुपये की अतिरिक्त छूट टैक्स में मिलेगी। ऐसे में अगर इनवेस्टर ज्यादा रिस्क उठा सकते हैं उनको एनपीएस में इनवेस्टमेंट करना चाहिए।’
कॉल सेंटर में नौकरी करने वाले निखिल कैसे बनें अरबपति, जानें पूरी कहानी
कहां मिलेगा बेहतर रिटर्न
वेल्थ मैनेजमेंट के मैनेजर कार्तिक बताते हैं कि, ‘ अगर निवेशक 50:50 परसेन्ट ऑप्शन चुनता है तो लम्बे समय में इक्विटी से करीब 12 प्रतिशत रिटर्न और डेब्ट से 8 प्रतिशत रिटर्न की उम्मीद कर सकता है। मिलाकर देखें तो करीब 10 प्रतिशत का रिटर्न मिलेगा।’ पीपीएफ पर इस समय 7.1% का रिटर्न मिल रहा है। ऐसे में एनपीएस पर 2.9% ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना रहेगी।