हरियाणा में हिसार जिले के हांसी में महज 30 दिन के नवजात को उसके मां-बाप ने समाधा मंदिर में साधुत्व के लिए दान कर दिया। सोशल मीडिया पर यह अजीबोगरीब धार्मिक कार्यक्रम और मामला वायरल हुआ तो सिसाय पुलिस को भी इसकी भनक लगी, जिस वजह से बच्चे के साथ गलत होने से बच गया।
सिसाय पुलिस चौकी इंचार्ज वेदपाल नैन ने गुरुवार को बताया कि सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हुआ था। मैसेज के मुताबिक, समाधा मंदिर में एक धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें डडल पार्क निवासी फ्रूट व्यापारी ने अपने एक महीने के बच्चे को मंदिर में चढ़ाया था। मंदिर में महंतों व परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में रस्में करने के बाद बच्चे का नामकरण नारायण पुरी कर दिया गया।
मामला संज्ञान में आने पर पुलिस कर्मचारियों ने तुरंत पूरे मामले से बड़े पुलिस अधिकारियों को अवगत करवाया, जिसके बाद एसपी नितिका गहलोत अलर्ट हुईं और एसएचओ को मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए।
एसपी के आदेश मिलते ही पुलिस ने परिवार और मंदिर के महंत को थाने में तलब कर लिया। दोनों पक्षों से काफी संख्या में लोग चौकी में एकत्रित हो गए, लेकिन पुलिस ने पूरी संवेदनशीलता से मामले को संभालते हुए परिवार को समझाया कि इस प्रकार से छोटे बच्चे को किसी व्यक्ति, मंदिर या संस्था को नहीं दिया जा सकता और ये गैर-कानूनी है।
पुलिस ने परिवार को कानूनी धाराओं से अवगत करवाते हुए समझाया और कार्रवाई की चेतावनी दी। इसके बाद पुलिस कार्रवाई की गाज गिरते देखकर परिवार ने बच्चा मंदिर से वापस ले लिया। परिवार ने पुलिस के सामने लिखित में उसकी परवरिश करने का वादा किया। वहीं पुलिस की तरफ से मंदिर प्रशासन को भी चेतावनी दी गई है।मंदिर के महंत पांचम पुरी ने बताया कि लोग अपनी मन्नत पूरी होने पर मंदिर में बच्चा चढ़ाते हैं। कुछ महीने पूर्व भी मंदिर में एक बच्चा ऐसे ही एक परिवार ने दान किया था, जिसका नाम पूनम पुरी रखा गया है।