उज्जैन का लाल सियाचिन में हुआ शहीद, कार्यकाल हो चुका था पूरा

शहीद बादल सिंह के परिजनों ने बताया कि वह अपनी 17 साल की पूरी सेवाएं सेना में दे चुक थे. 31 दिसंबर को उनका कार्यकाल भी पूरा हो गया था परंतु सेना द्वारा उन्हें एक्सटेंशन पर प्रमोट किया गया था.

उज्जैन: मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के नागदा निवासी सेना के जवान बादल सिंह चंदेल ने सिक्किम के सियाचिन में शहीद हो गए. बादल सिंह चंदेल देश की सेवा में सियाचिन में तैनात थे, ड्यूटी के दौरान अचानक बर्फ धंसने से उनकी मृत्यु हो गई. शहीद बादल सिंह चंदेल के परिवार में उनके माता-पिता, पत्नी और साढ़े तीन साल का बेटा भी है. उनकी शहादत से पूरे शहर में शोक का माहौल है.

15 कमाऊं रेजिमेंट के नायक शहीद बादल सिंह की साल 2004 में सेना में भर्ती हुई थी. उन्होंने ढाई साल तक शांति सेना में शामिल होकर दक्षिण अफ्रीका में अपनी सेवाएं दी थी.वह जनवरी में अपने परिवार से मिलने नागदा आए थे. 13 फरवरी को वह वापस लौट गए थे. जिसके बाद उन्हें सियाचिन में 27 हजार फीट ऊपर ग्लेशियर पर तैनात किया गया था.

शहीद बादल सिंह के परिजनों ने बताया कि बीती रात करीब सवा 10 बजे शहर के काका वीरेन्द्रसिंह के पास फोन आया कि अचानक बर्फ धंसने से बादल घायल हो गए हैं. बाद में आज सुबह ग्लेशियर में मौजूद सूबेदार प्रतापसिंह ने बताया कि वह शहीद हो गए हैं. 

बता दें कि शहीद को आज सुबह सियाचिन की चौकी से नीचे लाया गया है, जिसे पहले दिल्ली और वहां से इंदौर लाया जाएगा. महू रेजिमेंट फिर शहीद के शव को लेकर नागदा पहुंचेगी. शहीद का शव कल या परसों तक नागदा पहुंच पाएगा. 

कार्यकाल हो चुका था पूरा
शहीद बादल सिंह के परिजनों ने बताया कि वह अपनी 17 साल की पूरी सेवाएं सेना में दे चुक थे. 31 दिसंबर को उनका कार्यकाल भी पूरा हो गया था परंतु सेना द्वारा उन्हें एक्सटेंशन पर प्रमोट किया गया था. इसके बाद उनकी पुन: ड्यूटी सियाचिन पर लगाई गई थी.

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