केंद्रीय अतिरिक्त स्वास्थ्य सचिव ने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर होली, बिहू, शब-ए-बारात जैसे उत्सवों के दौरान पाबंदियों पर विचार करने की बात कही है। इस पत्र में कहा गया है कि स्थानीय प्रशासन की ओर से होली, शब-ए-बारात, बिहू, ईस्टर और ईद जैसे उत्सवों के दौरान पाबंदियों पर विचार किया जा सकता है। केंद्र सरकार ने आदेश दिया है कि बड़े पैमाने पर लोगों के एक जगह जुटने पर रोक के लिए प्रशासन ऐसे फैसले ले सकता है।
स्वास्थ्य विभाग की अपर सचिव आरती आहूजा की ओर से लिखे गए पत्र में राज्यों से कहा गया है कि वे त्योहारों के मद्देनजर पाबंदियों पर विचार कर सकते हैं। राज्यों की ओर से त्याहारों के दौरान भीड़ जुटने से रोकने के लिए डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के सेक्शन 22 के तहत राज्य अपनी ओर से सख्ती के फैसले ले सकते हैं। इसके साथ ही पत्र में कहा गया है कि इस मुकाम पर यदि हम ढील बरतते हैं तो अब तक कोरोना से जंग में जो बढ़त मिली है, वह खत्म हो सकती है। सार्वजनिक स्थानों पर कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन और भीड़ जुटने से रोकना ही संक्रमण के प्रसार को थामने का कारगर उपाय है।
UP, दिल्ली, MP और मुंबई पहले ही पाबंदियों के आदेश: इससे पहले मंगलवार को बीएमसी ने मुंबई में सार्वजनिक स्थानों पर होली न मनाने का आदेश जारी किया था। इसके अलावा दिल्ली में भी होली समेत कई उत्सवों को लेकर यह आदेश जारी किया गया है। मध्य प्रदेश सरकार ने भी होली पर भारी जुटान को रोकने के लिए ‘मेरा घर मेरी होली’ कैंपेन शुरू किया है और लोगों से अपील की है कि वे अपने घर पर ही त्योहार मनाएं। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी सार्वनजिक तौर पर होली मनाने से बचने की सलाह दी है। यही नहीं राजस्थान, चंडीगढ़, उत्तराखंड समेत कई अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने भी इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।