मेरठ : 42 करोड़ की जीएसटी हेराफेरी में मास्टर माइंड विकास जैन गिरफ्तार

केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) आयुक्तालय मेरठ के अधिकारियों ने भवन निर्माण सामग्री से संबंधित करीब 200 करोड़ रुपये की फर्जी, जाली इनवॉयस जारी करने के एक मामले में मेरठ और गाजियाबाद में एक साथ 11 स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान जांच-पड़ताल में करीब 42 करोड़ की जीएसटी की हेराफेरी पकड़ी। इस सिंडिकेट का मास्टर माइंड विकास जैन को गिरफ्तार किया। 

सीजीएसटी प्रिसिंपल कमिश्नर एसवी सिंह ने बताया कि छापेमारी की कार्रवाई में टीमों ने पाया कि फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) की हेराफेरी करने के उद्देश्य से मेरठ में रजिस्टर्ड 30 से अधिक फर्मों का प्रबंधन एवं नियंत्रण कर रहा था। इस दौरान फर्जी फर्मों से संबंधित अहम दस्तावेज, जारी की गई इनवॉयस, फर्जी फर्मों से संबंधित चेक बुकें और करीब 2.23 करोड रुपये कैश बरामद हुए। इन्हें जब्त कर लिया। टीम ने विकास जैन को मेरठ में आर्थिक अपराध न्यायालय के समक्ष पेश किया। जहां से जमानत पर रिहा किया गया।

पड़ताल में 30 फर्मों के रजिस्टर्ड पतों पर छापेमारी की। यह सभी फर्में या तो अस्तित्वहीन पाई गई या इनके संचालक वह व्यक्ति पाए गए, जिनके दस्तावेजों का विकास ने फर्जी फर्मों के रजिस्ट्रेशन के लिए दुरुपयोग किया था। साथ ही इन 30 फर्जी फर्मों की कुल बिक्री की बारीकी से जांच-पड़ताल की। जिसमें अनेक ऐसी फर्मों का पता चला, जिन्होंने इन फर्जी फर्मों द्वारा जारी की गई इनवॉयस के आधार पर फर्जी आईटीसी लिया था। इन आईटीसी का लाभ लेने वाली फर्मों के खिलाफ जांच की कार्रवाई शुरू कर दी।

फर्जी आईटीसी का सर्वाधिक फायदा लेने वाली कंपनियों में से एक कंपनी के प्रबंध निदेशक को समन किया है। बयान दर्ज किया गया। इस कंपनी ने कुल 25.53 करोड़ के फर्जी आईटीसी का लाभ लिया। बताया कि कोर्ट की कार्यवाही के दौरान आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने उपरोक्त फर्जी आईटीसी के लाभ उठाया और 25.53 करोड़ रुपये सरकारी खाते में जमा कर दिए। उसके उपरांत न्यायालय ने आरोपी को पांच-पांच लाख के मुचलकों पर, पासपोर्ट जमा करने तथा तीन महीने के अंदर बची हुई ब्याज और जुर्माने की राशि जमा करने की शर्तों पर जमानत पर रिहा किया।

सीजीएसटी प्रिसिंपल कमिश्नर एसवी सिंह, असिस्टेंट कमिश्नर अंकित गहलौत का कहना है कि कार्रवाई से ईमानदार करदाताओं का मनोबल बढ़ता है और जो भी जीएसटी की चोरी कर रहे है, उन पर किसी भी प्रकार की कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। 

फर्जी बिल, इनवॉयस जारी करने वाले और जीएसटी चोरों के खिलाफ चल रहे अभियान में सीजीएसटी मेरठ के अधिकारियों ने अब तक 3500 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के नकली बिलिंग का पर्दाफाश किया है। आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। इस सघन अभियान में अब तक 2.50 करोड़ से अधिक की भारतीय मुद्रा बरामद जब्त की गई है। इन जीएसटी चोरी के मामलों में पिछले एक साल में 34.5 करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी सरकारी खाते में जमा कराई है।

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