यूपी पंचायत चुनाव में आरक्षण सूची जारी हो गई है। इस समय आपत्तियां ली जा रही है। इसकेे बाद फाइनल लिस्ट जारी होगी। वहीं पीलीभीत जिले के विकास खंड पूरनपुर क्षेत्र की 14 ग्राम पंचायतें बंगाली बाहुल्य हैं। इनमें नमो शूद्र, पांडु और मालो आदि जाति के लोग रहते हैं। सामान्य जाति का दर्जा होने से इन ग्राम पंचायतों में से 11 ग्राम पंचायतों में बंगाली समुदाय के लोग चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। इन पंचायतों में पंचायत चुनाव का आरक्षण ओबीसी और एससी जाति के लिए आरक्षित किया गया है। बंगाली समुदाय के लोगों में नाराजगी है। इसको लेकर एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलने की तैयारी में है।
आजादी के बाद से उप्र में आए नमोशूद्र, पांडु और मालो जाति के विस्थापित परिवारों को सामान्य जाति के दर्जे में रखा गया है। जबकि पश्चिम बंगल में इन जाति के लोगों को अनुसूचित श्रेणी में रखा गया है। पूरनपुर विकास खंड की 14 ग्राम पंचायतों में बंगाली परिवारों की बहुतायात है। यह परिवार पिछले कई सालों से अनुसूचित जाति का दर्जा देने की मांग करते आ रहे हैं। कई बार धरना प्रदर्शन भी हुए लेकिन बंगाली समुदाय के लोगों की मांग पूरी नहीं हो सकी। बुधवार को पंचायत चुनाव की सीटों के आरक्षण की अनंतिम सूची का प्रकाशन हुआ तो बंगाली समुदाय को झटका लगा है। बंगाली बाहुल्य की 14 ग्राम पंचायतों में से 11 में पिछड़ी और अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व रखा गया है। शेष तीन ग्राम पंचायतों को ही अनारक्षित किया गया है। इससे इस समुदाय के लोग 11 पंचायतों में प्रधानी का चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। चंदिया हजारा बंगाली कालोनी में बंगाली समुदाय के प्रमुख नेता कुमुद रंजन राय ने बताया कि उप्र में बंगाली समुदाय के लोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। इनको सामान्य जाति का दर्जा दिया गया। जबकि प. बंगाल में अनुसूचित जाति का दर्जा है। हक के लिए मुख्यमंत्री से मिलेंगे।
पूरनपुर विकास खंड की ग्राम पंचायत चंदिया हजारा, शेरपुर मकरंदपुर, महाराजपुर, गभिया, मटैया लालपुर, रमनगरा, नगरिया खुर्दकलां, खिरकिया बरगदिया, ढक्काचांट, नौजलिया नकटहा, बूंदीभूड़, सेल्हा, पुरैना ता. महाराजपुर और बंदरबोझ में बंगाली समुदाय के परिवार रहते हैं। इनमें ढक्काचांट, नौजलिया और रमनगरा को छोड़कर अन्य ग्राम पंचायतें पिछड़ी और अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गई हैं।