प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को कोविड-19 का टीका लगवाने के दौरान न केवल सहज रहे, बल्कि माहौल को विनोदपूर्ण भी बनाए रखा। टीका लगा रही नर्सों का नाम-पता पूछा। साथ ही नेताओं की मोटी चमड़ी व जानवरों वाली मोटी सुई को लेकर मजाक भी किया। टीकाकरण के बाद बाहर निकलते हुए उन्होंने वणक्कम (नमस्कार) भी किया। बता दें कि 1 मार्च से देश में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण का दूसरा अभियान शुरू हुआ, जिस दौरान पीएम मोदी ने टीका लगवाया।
टीकाकरण कक्ष में मौजूद नर्सों से प्रधानमंत्री ने मजाक में पूछा कि कहीं उनका इरादा मोटी सुई लगाने का तो नहीं है, क्योंकि नेताओं के बारे में कहा जाता है कि उनकी चमड़ी मोटी होती है। प्रधानमंत्री के इस कथन के बाद टीकाकरण कक्ष में मौजूद स्वास्थ्यकर्मी हंसे बिना नहीं रह सके। प्रधानमंत्री सुबह-सुबह पहुंचे तो स्वाभाविक था कि एम्स के स्वास्थ्यकर्मियों में अफरातफरी थी। इसका आभास होते ही प्रधानमंत्री ने उनसे बातचीत आरंभ कर दी और उनके नाम और पैतृक आवास के बारे में पूछने लगे।
माहौल को हल्का करने के लिए उन्होंने नर्सों से पूछा कि कहीं वह पशु चिकित्सा में इस्तेमाल होने वाली सुई तो इस्तेमाल नहीं करने वाली हैं। नर्सों ने कहा, नहीं। हालांकि, वह प्रधानमंत्री का मजाक नहीं समझ पाई थीं। प्रधानमंत्री ने फिर से यह कहते हुए कि नेताओं की चमड़ी मोटी होती है, पूछा कि कहीं उनका इरादा कोई विशेष मोटी सुई लगाने का तो नहीं है। यह सुनने के बाद नर्सों को न सिर्फ हंसी आई, बल्कि वे सहज भी हो गईं। अस्पताल से निकलने से पहले प्रधानमंत्री नर्सों के पास गए और हाथ जोड़ते हुए धन्यवाद तथा वणक्कम कहा।
वहीं, इस दौरान उनके साथ मौजूद रहे एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया कि कैसे पीएम नरेंद्र मोदी ने वैक्सीन लगाए जाने से पहले नर्सों को सहज करने के लिए उनसे उनकी भाषा में बात की और जोक भी सुनाया। गुलेरिया ने कहा, ”प्रधानमंत्री नर्सिंग ऑफिसर्स को सज करना चाहते थे और इसलिए उन्होंने जोक भी सुनाया। उनसे उनकी भाषाओं में बात की और पूछा कि कौन कहां से है। इससे काफी मदद मिली, क्योंकि नर्सों को यह नहीं पता था कि उन्हें किसका टीकाकरण करना है।”