संसद में पेश केंद्रीय बजट को लेकर बिहार में तमाम विपक्षी पार्टी और नेताओं ने दी तीखी प्रक्रिया। किसी ने बजट के रूप में देशवासियों के सामने इसे मोदी सरकार की एक बार फिर जुमलाबाजी करार दिया तो किसी ने आम आदमी और किसानों को ठगने वाला बताया। किसी ने बजट को दिशाहीन एवं बेरोजगारी बढ़ाने वाला बताया तो किसी ने बजट को कंपनी राज को बढ़ावा देने वाला करार दिया। आइए जानतें हैं किस पार्टी और किस नेता ने क्या कहा-
कांग्रेस ने बजट को दिशाहीन एवं बेरोजगारी बढ़ाने वाला बताया है। पार्टी के बिहार प्रभारी व पूर्व केन्द्रीय मंत्री भक्त चरण दास ने कहा है कि इस बजट में बिहार की पूरी उपेक्षा हुई है। यह बजट दिशाहीन एवं विकास विरोधी है। बेरोजगारी हटाने का कोई प्रावधान नहीं है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार का कोई प्रावधान नहीं है। कहा है कि जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, वहां सड़क, रेलवे एवं इंफ्रास्टक्चर पर भारी निवेश का प्रावधान है, जो केन्द्र सरकार की नीति को दर्शाता है। पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस एवं उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन मध्यवर्ग के आयकर की सीमा में कोई बढ़त नहीं की गई है। प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने कहा कि मुनाफे में चल रहे सरकारी प्रतिष्ठानों को कम कीमत पर बेचने की तैयारी चल रही है। बजट में उद्योग एवं व्यापार को बढ़ावा देने का कोई प्रस्ताव नहीं है। विधानमंडल दल के नेता अजीत शर्मा ने भी बजट को दिशाहीन बताया है। मीडिया विभाग के अध्यक्ष एचके वर्मा, प्रवक्ता डॉ. हरखु झा और राजेश राठौड़ ने भी बजट को दिशाहीन एवं बेरोजगारी बढ़ानेवाला बताया।
सीपीआई ने कहा है कि आंकड़ों की बाजीगरी कर मोदी सरकार बजट के रूप में देशवासियों के सामने एक बार फिर जुमलाबाजी कर गयी। बजट की प्राथकमिकताएं समाज की आकांक्षाओं और फौरी जरूरतों पर केंद्रित न होकर कॉरपोरेट परस्ती की संभाव्यताओं से ओतप्रोत है। पार्टी के राज्य सचिवमंडल सदस्य रामबाबू कुमार ने कहा है कि देश की सुरक्षा और राष्ट्र प्रेम का दंभ भरने वाली सरकार के इस बजट में प्रतिरक्षा क्षेत्र के लिए कोई आवंटन नहीं किया। राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 10.5 प्रतिशत है जो निवेश की अनुकूल स्थिति पैदा नहीं करता। पहले से ही ऋण के बोझ से दबे आत्महत्या करने को विवश किसानों की मुसीबतें बढ़ाने का प्रयास किया गया है।
कांग्रेस नेता व पूर्व विधान सभा अध्यक्ष सदानंद सिंह ने आरोप लगाया है कि आम बजट से आम आदमी और किसान दोनों ठगे गए हैं। यह बजट निजीकरण और चुनाव वाले राज्यों को समर्पित बजट है। इनकम टैक्स देने वालों को कोई राहत नहीं दी गई है। टैक्स की चोरी करने वालों को इस बजट से बढ़ावा मिलेगा। श्री सिंह ने कहा कि सरकारी लाभदायी कंपनियों को बेचकर धन इकट्ठा करना सरकार की नाकामी को दर्शाने के लिये काफी है। कुल मिलाकर यह बजट मध्यमवर्गीय, किसानों, गरीब और आमलोगों को निराश करने वाला है। देशभर में मात्र 30 लाख किसानों को ही एमएसपी के दायरे में बढ़ाया गया है। डीजल में चार और पेट्रोल पर ढाई रुपये सेस लगाकर जनता पर अतिरिक बोझ डाला गया है। लॉकडाउन में जिन लोगों की नौकरी चली गई उनके लिये भी कोई प्रावधान नहीं है। एलआईसी सहित अन्य बीमा कंपनियों में 74 प्रतिशत की एफडीआई निजीकरण को बढ़ावा देने वाली व्यवस्था है। इस वर्ष चुनाव वाले राज्यों प. बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल आदि में नेशनल हाइवे का प्रोजेक्ट चुनावी राजनीति के तहत दी गई है।
माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्या ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि केन्द्र का बजट कंपनी राज को बढ़ावा देने वाला है। कोरोना के बाद मोदी सरकार के पहले बजट में अर्थव्यवस्था की खतरनाक मंदी को रोकने का कोई प्रयास नहीं है। लिहाजा हम बजट को पूरी तरह से संशोधित करने की मांग करते हैं। साथ ही, सभी कामकाजी लोगों से आवाज उठाने की अपील करते हैं।
उन्होंने कहा कि बजट बड़े निगमों को धन संचय के अवसरों को बढ़ाने के साथ-साथ लोगों का संकट बढाने वाला है। अर्थव्यवस्था को सार्वजनिक निवेश और व्यय में वृद्धि की आवश्यकता है, लेकिन बजट में थोक विनिवेश और निजीकरण पर ध्यान केंद्रित किया गया है। सभी फसलों के लिए उचित एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए लंबे समय से किसानों की मांग को सरकार ने एक बार फिर नकार दिया है। पूरे देश में सभी छोटे ऋणों की माफी की आवश्यकता महसूस की जा रही है लेकिन बजट में इस प्रमुख मांग को पूरा नहीं किया गया।
जन अधिकार पार्टी (लो.) अध्यक्ष पप्पू यादव ने आरोप लगाया है कि बजट थकाऊ, पकाऊ, उबाऊ और बिकाऊ है। पेट्रोल पर 2.5 और डीजल पर 4 रुपए सेस बढ़ा दिया गया। अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में आज कच्चे तेल की कीमत कम है लेकिन सरकार पेट्रोल और डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धि किए जा रही है। यह देश के मध्यम वर्ग की कमर तोड़ने जैसा है। पटना स्थित जाप कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में पप्पू यादव ने केंद्र सरकार पर चुटकी लेते हुए कहा कि अब सरकार ऐसा क्या कमाल करने वाली है कि जीडीपी -23.9 से 11 फीसदी हो जाएगी? आरोप लगाया कि इस बजट में न रोजगार सृजन की बात है, न ही शिक्षा, कृषि और स्वास्थ्य की। पीएसयू, एयरपोर्ट, वेयरहाउस सभी को बेचा जा रहा है। बिजली ट्रांसमिशन लाइन पूंजीपतियों को दिए जा रहे हैं। अब किसानों को बिजली सब्सिडी भी नहीं मिलेगी। बिहार जो कई वर्षों से विशेष पैकेज की मांग रहा है उसे इस बार भी कुछ नहीं मिला।