बिहार की राजधानी पटना में हाईप्रोफाइल केस इंडिगो के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह हत्याकांड में कॉल डिटेल ने जांच की दिशा बदल दी है। जांच में मिले संदिग्ध नंबरों के आधार पर पुलिस को 19 दिन बाद अहम सुराग मिले हैं। इसी कड़ी में एसआईटी खगौल से हिरासत में लिये गये एक बड़े बिल्डर पर लगातार शिकंजा कस रही है।
48 घंटे से बिल्डर, उसकी पत्नी समेत चार संदिग्धों से पुलिस कड़ी पूछताछ कर रही है। हालांकि पुलिस के आला अधिकारी मुंह खोलने को तैयार नहीं हैं लेकिन पुलिस को हत्याकांड के बारे में अहम सुराग मिले हैं। सूत्रों की मानें तो बिल्डर से पूछताछ में जो राज सामने आया है, उसके आधार पर पुलिस बहुत जल्द ही इस मामले का खुलासा कर सकती है।
सूत्रों की मानें तो बिल्डर की इंडिगो मैनेजर से नजदीकियों की जांच पु़लिस कर रही है। जिस अपार्टमेंट में मैनेजर रह रहे थे, उससे भी बिल्डर के तार जुड़े होने की बात कही जा रही है। सूत्रों की मानें तो बिल्डर को हिरासत में लेने के बाबत पुलिस ने इंडिगो मैनेजर के परिजनों से भी बातचीत की है। वहीं हत्याकांड में शामिल रहे दो शूटरों की पुलिस पहचान कर चुकी है। शूटर बाइकर्स गैंग से जुड़े बताये जा रहे हैं। उनकी तलाश में एसआईटी लगातार छापेमारी कर रही है लेकिन शूटर ठिकाने बदलकर पुलिस को छका रहे हैं। बताया यह भी जा रहा है कि लाइनर की भी पहचान हो चुकी है।
घटना के बाद से पटना पुलिस की नींद उड़ी हुई है। शूटरों की गिरफ्तारी व मामले की तह तक जाने के लिए पुलिस अबतक छपरा, गोपालगंज, वैशाली और सीतामढ़ी में जांच व छापेमारी कर चुकी है। इन जिलों से कई संदिग्धों को उठाकर पटना भी लाया गया। एसआईटी अब तक दिल्ली, गुजरात, यूपी ईस्ट, गोवा, झारखंड में दबिश दे चुकी है। खुलासा नहीं होने से हर दिन पुलिस की किरकिरी भी हो रही है। इंडिगो मैनेजर के परिजन भी गुस्से में हैं।