चार मई से शुरू हो रहे कोरोना लॉकडाउन तीन में केन्द्र सरकार ने ग्रीन जोन में शराब की बिक्री को मंजूरी दे दी है। इससे गोवा में शराब की दुकानें खुल जाएंगे लेकिन यहां के व्यापारियों को यह चिंता सता रही है कि उनके पास शराब का स्टॉक कहां से आएगा। क्योंकि विदेश से आयात पूरी तरह से बंद हैं।
शराब कारोबारियों के अनुसार, अगले दो महीनों तक विदेश से आने वाली शराब पर प्रतिबंध रहने के आसार हैं। क्योंकि ज्यादातर स्कॉच और व्हिस्की ब्रिटेन से मंगाई जाती थी, जबकि फ्रांस, स्पेन और इटली से भी शराब मंगाई जाती थी, जो कोरोना महामारी की चपेट में हैं।
गोवा लिकर ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दत्तप्रसाद नाइक ने कहा है कि शराब के आउटलेट चार मई से तभी खुल सकेंगे जब उनके पास स्टॉक होगा। उन्होंने कहा कि गोवा में बीयर का स्टॉक भी अगले आठ से 10 दिन का होगा। कोरोना वायरस के चलते गोवा ने अपनी सीमा सील कर रखी है जिसके चलते पड़ोसी राज्यों से सप्लाई नहीं हो सकती है। हालांकि, व्हिस्की के कुछ ब्रांडों को यहां बनाया जाता था, लेकिन शराब के उत्पादन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली जरूरी चीजों को अन्य राज्यों से लाया जाता है, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश से मंगाया जाता है।
नाइक ने बताया कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए केन्द्र सरकार ऐलान के बाद तटीय राज्य में शराब की दुकानों को बंद कर दिया था। राज्य में पर्यटन के रुकने से शराब की बिक्री में 70 फीसदी की गिरावट आ गई थी। उन्होंने कहा कि गोवा में अधिकांश शराब उपभोक्ता पर्यटक हैं और केवल 30 फीसदी उपभोक्ता स्थानीय लोग हैं। उन्होंने कहा कि शराब व्यापार में तेजी नहीं आ सकती है, क्योंकि पर्यटन जल्द ही फिर से शुरू नहीं हो सकता है।