हाथरस केस: पुलिस अफसरों पर कार्यवाही – वेबसाइट से पहचान हटाई जाये-डॉ नूतन ठाकुर

हाथरस केस: पुलिस अफसरों पर कार्यवाही, वेबसाइट से पहचान हटाई जाये-डॉ नूतन ठाकुर

लखनऊ। हाथरस में हत्या एवं बलात्कार मामले में सीबीआई द्वारा आरोपपत्र प्रेषित किये जाने के बाद एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने इस मामले में लीपापोती करने तथा कार्यवाही करने में विलंब करने वाले सभी पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्यवाही किये जाने की मांग की है.
एसीएस होम अवनीश अवस्थी को भेजे अपने पत्र में उन्होंने कहा कि जिस प्रकार एडीजी लॉ आर्डर प्रशांत कुमार सहित तमाम अफसरों ने विवेचना पूरी होने के पहले ही रेप नहीं होना घोषित कर दिया था, वह स्पष्टतया अनुचित एवं आपत्तिजनक था, जिसके संबंध में कार्यवाही की जाए.
साथ ही नूतन ने ट्वीटर तथा विभिन्न वेबसाइट पर पीडिता की पहचान उजागर किये जाने के संबंध में 6 अक्टूबर 2020 को थाना चांदप, हाथरस में दर्ज कराये गए मु०अ०स० 156/2020 धारा 228ए आईपीसी तथा 72 आईटी एक्ट में अब तक कोई कार्यवाही नहीं होने पर भी आपत्ति प्रकट की है. उन्होंने कहा कि एफआईआर दर्ज किये जाने के ढ़ाई माह बाद भी आज तक अभियुक्तगण के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई है. साथ ही अभी भी विभिन्न वेबसाइट पर पीडिता के नाम और पहचान को उजागर करने वाले कंटेंट मौजूद हैं, जो पूर्णतया विधिविरुद्ध है.
अतः उन्होंने मामले में त्वरित कार्यवाही तथा वेबसाइट से पीडिता के नाम, फोटो, पहचान आदि को तत्काल हटवाये जाने की मांग की है.

संलग्न- नूतन ठाकुर का बाइट

Hathra case: Action on Police officers, removal of identity sought

After submission of Charge sheet by CBI in Hathras rape and murder case, activist Dr Nutan Thakur has sought action against all those police officers who deliberately downplayed the matter and shielded the accused instead of acting fairly in the case.
In her letter to ACS Home Awanish Awasthi, Nutan said that the way ADG Law Order Prashant Kumar and other officers had declared that it was not an incidence of rape is highly objectionable, against which action must be taken.
In addition, Nutan has objected to the complete inaction in FIR No 156/2020 under sections 228A IPC and 72 IT Act registered by her at police station Chandpa, Hathras against Twitter and other named Internet sites for revealing the identity of the victim.
She said no action has been taken in the matter despite passing of 2.5 months, while the name and identity of the victim is still present on many websites, which is completely illegal.
Hence she has sought swift action in the case and immediate removal of all the identity marks of the victim on Internet and social sites.

डॉ नूतन ठाकुर

09415534525

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