बाइक बोट घोटाले में संजय भाटी के बाद सबसे अहम कड़ी माने जा रहे बिजेंद्र हुड्डा पर अब शिकंजा कसता जा रहा है। 192 देशों में उसकी तलाश की जा रही है लेकिन अभी तक उस पर कोई इनाम जांच एजेंसियों की तरफ से घोषित नहीं किया गया है। इसके संबंध में कहा जा रहा है कि उसके विदेश में होने के कारण उस पर इनाम घोषित नहीं कराया गया है लेकिन अब उसके करीबियों पर जांच एजेंसियों ने शिकंजा कसना प्रारम्भ कर दिया है।
बाइक बोट कंपनी की स्थापना संजय भाटी ने की थी और उसे ही इस कंपनी का मालिक माना जाता है। इस घोटाले में सबसे अहम कड़ी अब बिजेंद्र हुड्डा को माना जा रहा है। घोटाले की जांच में जुटे अधिकारियों की मानें तो घोटाले में संजय भाटी से भी बड़ा खिलाड़ी बिजेंद्र हुड्डा है जो अब विदेश भाग चुका है। विदेश में उसके द्वारा बड़े पैमाने पर ठगी का पैसा निवेश करने के भी दावे किए जा रहे हैं।
उसके खिलाफ अब जांच एजेंसियों ने रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी करा दिया है और 192 देशों में उसकी तलाश शुरू हो चुकी है। लेकिन उस पर अभी तक भारत में कोई इनाम घोषित नहीं है। इसके संबंध में जांच अधिकारियों का कहना है कि वह विदेश भाग चुका है। इस कारण उस पर इनाम घोषित नहीं कराया गया है। लेकिन उसे अब भारत वापस लाने के प्रयास तेज किए गये हैं। वह कौन से देश में और कब से छिपा हुआ है। इसके लिए विदेश मंत्रालय से भी मदद मांगी गई है। बिजेंद्र हुड्डा के पकड़ में आने के बाद ही घोटाले की सही रकम का खुलासा होगा और यह भी पता चलेगा कि इस रकम का कहां-कहां निवेश किया गया है।
बिजेंद्र हुड्डा के करीबियों पर भी जांच अधिकारियों ने शिकंजा कस दिया है और उसके करीबियों को चिह्नित किया जा रहा है। उनके बैंक खातों की जानकारी भी जांच एजेंसी जुटा रही है। यह रिकॉर्ड लिया जा रहा है कि पिछले तीन सालों में उनके खातों में कितने पैसे का लेन-देन हुआ और यह पैसा कहां-कहां से आया और कहां-कहां उसका निवेश हुआ। बिजेंद्र हुड्डा या उसकी कंपनियों या फर्जी कंपनियों से तो कोई लेन-देन नहीं हुआ है।
पुलिस की मानें तो उसके कुछ करीबियों को पिछले कुछ समय में मर्सिडीज जैसी कीमती गाड़ियां भी तोहफे में मिल चुकी हैं, जिनके संबंध में भी जानकारी जुटायी जा रही है। यह कारें किसके नाम पर खरीदी गई और वर्तमान में कहां हैं और किस वजह से यह तोहफे में दी गई।