आंदोलनकारी किसानों को फिर से वार्ता की मेज पर लाने में जुटी सरकार सोमवार को विभिन्न स्तरों पर सक्रिय रही। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक की। तोमर ने देश के विभिन्न राज्यों से आए किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की है। उन्होंने उम्मीद जताई कि किसान जल्द ही सरकार के प्रस्ताव पर जबाब देंगे, जिससे बातचीत आगे बढ़ सके।
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को गुजरात में कच्छ के एक दिवसीय दौरे पर जाएंगे। कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन के बीच वह कच्छ के कृषक समुदाय के अलावा गुजरात के सिख किसानों से भी मुलाकात करेंगे। आधिकारिक बयान मुताबिक, प्रधानमंत्री कुछ परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे और कच्छ में धोरडो के किसानों और कलाकारों के साथ संवाद करेंगे। मुख्य कार्यक्रम से पहले वह कच्छ के किसानों के साथ चर्चा करेंगे। भारत-पाक सीमा के पास बसे सिख किसानों को प्रधानमंत्री से संवाद के लिए आंमत्रित किया गया है।
कच्छ जिले की लखपत तालुका में और इसके आसपास मिलाकर करीब 5,000 सिख परिवार रहते हैं। आपको बता दें कि नए कृषि कानूनों के विरोध में हजारों किसान पिछले दो सप्ताह से भी अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।
राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर बीते 20 दिनों से जारी किसान आंदोलन को समाप्त करने के लिए सरकार में सोमवार को दिनभर माथापच्ची चली। बैठकों के कई दौर हुए और सरकार किसानों को भेजे अपने प्रस्ताव पर जवाब का इंतजार करती रही। गृह मंत्री अमित शाह ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें कानूनों में बदलाव और किसानों की बातों को मानने के मुद्दों के साथ आंदोलन की समीक्षा भी की गई। इस बीच सरकार देश के विभिन्न राज्यों के किसानों का कृषि कानूनों के पक्ष में समर्थन जुटाती भी दिखी। छह राज्यों के 10 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की और कृषि कानूनों का समर्थन किया।
पंजाब भाजपा के नेताओं ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक की है। प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा, केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश, पंजाब के संगठन मंत्री इस बैठक में मौजूद रहे। इसके पहले इन नेताओं ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। हरियाणा के कुछ सांसदों विधायकों ने भी मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की है। सूत्रों के अनुसार राजनाथ सिंह भरतीय किसान यूनियन के विभिन्न नेताओं के लगातार संपर्क में है और समाधान की कोशिशों में जुटे हुए है।